#MNN@24X7 हिंदी समाहार मंच , दरभंगा के तत्वावधान में होलिका दहन के अवसर पर पूर्व की तरह इस वर्ष भी परंपरानुसार हुड़ार महोत्सव (पादुका सम्मान सह हास्य व्यंग्य कवि सम्मेलन ) का आयोजन दिनांक 7 मार्च 2023 (मंगलवार) को “वाचनालय” लक्ष्मीश्वर सार्वजनिक पुस्तकालय, लालबाग ,दरभंगा में अखिलेश कुमार चौधरी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
पादुका सम्मान समारोह का प्रारंभ मुख्य अतिथि हिंदी विभाग के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ ब्रह्मदेव प्रसाद कार्यी,विशिष्ट अतिथि श्रीमती सोनी पूर्वे (पार्षद), प्रसिद्ध चिकित्सक डा आशीष कुमार झा, निवर्तमान नगर हुड़ार-दामोदर दामोदर कमालपुरी, साहित्यकार शेखर कुमार श्रीवास्तव आदि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया।
स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए मंच के सचिव अमिताभ कुमार सिन्हा ने इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला ।उन्होंने कहा कि मंच द्वारा विगत 22 वर्षों से हुड़ार महोत्सव का आयोजन मंच द्वारा आयोजित होता रहा है। कार्यक्रम में शहर के साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक सरोकार के प्रबुद्ध जनों की उपस्थिति में इस कार्यक्रम को मूर्त रूप प्रदान किया जाता है ।
तदुपरांत मुख्य अतिथि डॉ ब्रह्मदेव प्रसाद कार्यी तथा अध्यक्ष अखिलेश कुमार चौधरी ने संयुक्त रुप से नगर हुड़ार-23 के सम्मान के लिए वरिष्ठ साहित्यकार विद्यावाचस्पति डाॅ.हीरालाल सहनी के नाम की घोषणा की। सभागार तालियों की गूंज से गुंजायमान हो उठा। निवर्तमान नगर हुड़ार दामोदर कमालपुरी एवं पार्षद सोनी देवी ने हीरालाल सहनी को पादुका प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर डा आशीष कुमार झा , दामोदर कमालपुरी, अरुण कुमार वर्मा, डा ओंकार प्रसाद सिंह, अनुराग झा आदि ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्यकारों के द्वारा आहूत यह कार्यक्रम एक विशिष्ट कार्यक्रम है , जिसमें स्वस्थ मनोरंजन के साथ-साथ हास्य के विभिन्न रसों से श्रोता रसीभूत होते हैं ।
हास्य कवि सम्मेलन में सम्मिलित होते हुए मैथिली के प्रसिद्ध साहित्यकार मणिकांत झा- जखन पिया परदेश , तखन फगुआ के आनंद पर चर्चा कियैक” गीत प्रस्तुत कर श्रोताओ को आनंदित कर दिया। शेखर श्रीवास्तव की कविता- होली में चोली और रंग का बड़ा कमाल है । महाकांत प्रसाद के गीत – “होली के रंग गोरी हो रसिया” पर श्रोता थिरकने लगे ।
दीनानाथ प्रसाद जुबराज ने मैथिली गीत ” छुतरह मन”
प्रस्तुत कर समां बांध दिया। वरिष्ठ गीतकार दामोदर कमालपुरी की गीत- जूही का फूल सजा दूँ तेरी जुड़े में’ मन मोह लिया। डॉ सतीश चंद्र भगत की कविता- मस्ती में बच्चो की टोली ,हिलमिल हंसते है हमजोली,उदय शंकर चौधरी नादान- भूला के हर शिकवे मिलें,इस बार होली में। मिथिलेश सिन्हा दाथवासी की मैथिली कविता – फगुआ मे चैट करै छै’ सुनाकर श्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं अमिताभ कुमार सिन्हा की कविता- बात न मिलने की सजा मिली रात भर ,मच्छरों से टकराता रहा रात भर व्यंग्य मर्मभेदी रहा।
कविता पाठ करनेवालों में इंदिरा भारती, आशीष अकिंचन, शंभु नारायण चौधरी, पप्पु राय दानिश, राजेन्द्र सुमन, सौम्य कुमार विभु विकास कुमार( समस्तीपुर),हीरा लाल सहनी, अनुराग झा,चंद्रेश, दिनेश कौशल,रीतु प्रज्ञा, पप्पु राय दानिश(समस्तीपुर), आदि प्रमुख थे।नव सम्मानित नगर हुराड़ हीरालाल सहनी ने अपने काव्य से सभी को होली की शुभकामना दी। कार्यक्रम का समापन श्री अखिलेश कुमार चौधरी के अध्यक्षीय उद्बोधन तथा अमरमेश्वर चरण सिन्हा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।