#MNN@24X7 समस्तीपुर, अपनी मांगो को लेकर किसान शम्भू तथा खनौरी बॉर्डर पर लगातार आंदोलनरत है l किसानों की मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करना और भाजपा नेता द्वारा कथित तौर पर मारे गए चार सिख किसानों को न्याय देना और अन्य मांगें शामिल हैं l

राजद विधायक सह बिहार विधानसभा के मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कैसा अमृतकाल है ? दिल्ली का बॉर्डर सील है। अंबाला का ऐसा माहौल है जैसे ये कोई दुश्मन देशों का बॉर्डर हो। जुल्म की इंतहा देखिए। किसान अपनी मांग के लिए दिल्ली जा रहा और हरियाणा सरकार उन पर आंसू बम बहा रही है। राष्ट्रीय जनता दल किसानों के न्याय की मांग का समर्थन करती है। हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री खुद किसानों से बात करें और उन्हें न्याय दे। देश अराजकता के दौर से गुजर रहा है l जहां एक ओर किसान एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की मांग को लेकर सड़कों पर हैं, वहीं दूसरी तरफ देश का युवा रोजगार के लिए सड़कों पर उतरने को बाध्य है l केंद्र को किसानों की मांगों को स्वीकार करना चाहिए और 2021 के कृषि आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों को रद्द करने के अलावा एमएसपी पर कानूनी गारंटी देनी चाहिए। भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन वह विफल रही। इनपुट लागत दोगुनी हो गई है और फसलों की कीमतें उस हिसाब से नहीं बढ़ाई गईं l उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को किसानों को रचनात्मक बातचीत के लिए बुलाना चाहिए और उनकी मांगों को सुनना चाहिए l