#MNN@24X7 दरभंगा, 01 नवम्बर, सरकार के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने एवं जनता का सुझाव व अनुभव प्राप्त करने हेतु दरभंगा जिला के अलीनगर प्रखण्ड अन्तर्गत पंचायत सरकार भवन, हरसिंगपुर में जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में जन-संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
पंचायत सरकार भवन, हरसिंगपुर में आयोजित जन-संवाद कार्यक्रम का सर्वप्रथम जिलाधिकारी द्वारा दीप प्रज्वलित कर उदघाटन किया गया।
तत्पश्चात स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा उपस्थित जिला स्तरीय व प्रखण्ड स्तरीय पदाधिकारियों को पाग, चादर, सिक्की आर्ट एवं पौधा देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का मंच संचालन करते हुए संयुक्त निदेशक-सह-उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता ने श्रम संसाधन विभाग द्वारा चलाई जा रही योजना, सात निश्चय पार्ट-1 एवं 2, बिहार लोक सेवा का अधिकार अधिनियम, बिहार स्टार्ट-अप योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना, संबल योजना, मुख्यमंत्री साईकिल योजना, छात्रवृत्ति योजना, मुख्यमंत्री पोशाक योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, बिहार ओद्यौगिक प्रोत्साहन (वस्त्र एवं चर्म) निति, मद्यनिषेध अभियान, जल-जीवन-हरियाली, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन अभियान के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी।
जन-संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्रम अधीक्षक राकेश रंजन ने श्रम संसाधन विभाग द्वारा चलाई जा रही योजना बिहार भवन व अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित 16 योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि श्रम संसाधन विभाग के अन्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्य में लगे मजदूर को लेवर कार्ड बनवाने की प्रकिया के बारे में तथा लेवर कार्ड बन जाने के उपरान्त 16 तरह के लाभ प्राप्त होती है,के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि श्रम संसाधन विभाग द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिए निबंधन कराना जरूरी है, जो मात्र 50 रुपये के शुल्क पर आधार कार्ड, बैंक खाता एवं पासपोर्ट साइज फोटो लेकर वसुधा केन्द्र पर जाने से हो जाता है। उन्होंने बताया कि एक बार लेबर कार्ड बन जाने पर मजदूर तथा उसके परिवार को जीवन प्रयन्त विभिन्न सुविधा व सहायता मिलती है।
लेकिन जिनके लेबर कार्ड के पंजीकरण का 5 वर्ष पूरा हो गया है, उन्हें पुनः वसुधा केंद्र पर जाकर 30 रुपये में पुनः 5 वर्षों के लिए नवीकरण करना आवश्यक होता है।
इस योजना के अंतर्गत निबंधित मजदूर को औजार खरीदने के लिए 15 हजार रुपये, दो संतान के जन्म के अवसर पर महिला मजदूर को तीन महीने की मजदूरी के बराबर सहायता राशि(लगभग35 हजार रुपये), साईकिल खरीदने के लिए 3,500 रूपये, बच्चों के प्रथम श्रेणी मैट्रिक पास करने पर 10 से 20 हजार रुपये की पुरस्कार राशि, बच्चों की पढ़ाई के लिए खर्च, मजदूर की स्वभाविक एवं आकस्मिक मृत्यु के उपरान्त उनके आश्रितों को क्रमशः 02 लाख एवं 04 लाख रूपये की सहायता राशि दी जाती है।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त श्रम संसाधन विभाग द्वारा अन्य भी कई लाभ दिये जाते हैं, प्रवासी मजूदरों के दुर्घटना मृत्यु के उपरान्त भी 02 लाख रूपये की सहायता राशि दी जाती है।
जन-संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अमरेन्द्र कुमार मिश्रा ने मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना, जननी बाल सुरक्षा योजना, पूर्ण टीकाकरण योजना, ओ.पी.डी. में 108 प्रकार की दवाओं की उपलब्धता, परिवार कल्याण योजना, कुष्ठ रोग कल्याण योजना साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित अन्य कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी जन-संवाद में उपस्थित पंचायत के ग्रामीण को दिया।
जन-संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सहायक निदेशक (सामाजिक सुरक्षा) सुश्री नेहा कुमारी ने समाज कल्याण विभाग के विभिन्न पेंशन योजना, अन्तर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना, संबल योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि संबल योजना के अंतर्गत 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता होने एवं रोजगार तथा शिक्षा के लिए 03 किलोमीटर की दूरी तय करने वालों को दिव्यांगजनों को बैट्री चालित ट्राई साईकिल दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हिन्दु धर्म के युवक/युवतियों को अन्तर्जातीय विवाह के लिए प्रोत्साहित करने हेतु अन्तर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत 01 लाख रूपये का एफ.डी. वधु के नाम से दिया जा रहा है, लेकिन इसके लिए शादी के दो वर्षों के अन्दर आवेदन करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि इसके लिए आवेदक द्वारा आवेदन ऑनलाईन किया जा सकता है या जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग में दिया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बुनियाद केन्द्र में 50 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों का आँख, कान की जाँच की जाती है और फिजियोथेरेपी के माध्यम से दिव्यांगता की ओर बढ़ने वाली बीमारी का ईलाज किया जाता है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला पंचायती राज पदाधिकारी आलोक राज ने पंचायती व्यवस्था के महत्व से अवगत कराते हुए कहा कि यह ऐसी व्यवस्था है, जिसमें पंचायत के लोग अपने आवश्यकता की प्राथमिकता के अनुसार कार्य योजना बनाते है। इसके साथ ही उन्होंने पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से सभी को अवगत कराया तथा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी
इसके साथ ही पंचायत सरकार भवन, हरसिंगपुर में आयोजित जन-संवाद कार्यक्रम में जिला उद्यान पदाधिकारी नीरज कुमार ने कृषि से संबंधित एवं क्षेत्रीय उप निदेशक (शिक्षा), दरभंगा प्रमण्डल, दरभंगा सहायक पदाधिकारी कृतिका कुमारी ने शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
*कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अपर समाहर्त्ता-सह-अपर जिला दण्डाधिकारी राजेश झा ‘‘राजा’’* ने राजस्व विभाग के अभियान बसेरा एवं भूमि विवाद समाधान, भू-अभिलेखों के डिजेटाइजेशन एवं ऑनलाईन लगान रसीद कटाने, खतियान डाउनलोड करने की सुविधा से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जल्द ही सभी खतियान ऑनलाईन उपलब्ध होंगे।
उन्होंने कहा कि अभियान बसेरा के अन्तर्गत भूमिहीन परिवारों को राजस्व विभाग द्वारा भूमि भी उलब्ध कराती है। ऐसे लोगों की सूची बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन उपलब्ध होने पर बासगीत पर्चा दिया जाता है तथा जमीन उपलब्ध नहीं रहने पर राजस्व विभाग द्वारा क्रय निति के तहत भूमि क्रय कर प्रदान की जाती है।
उन्होंने कहा कि भूमि विवाद के निपटरा हेतु प्रत्येक शनिवार को थाना स्तर पर थानाध्यक्ष एवं अंचलाधिकारी द्वारा सुनवाई कर विवाद का निष्पादन कराया जाता है।
उन्होंने कहा कि यदि दाखिल खारिज से संबंधित कोई समस्या हो, तो भूमि सुधार उप समाहर्त्ता कोर्ट या अपर समाहर्त्ता न्यायालय में वाद दायर किया जा सकता है।
उन्होंने जन-संवाद कार्यक्रम में रैयतों से अपील किया कि वे 31 दिसम्बर, 2023 तक अपना जमाबंदी को हल्का कर्मचारी के माध्यम से आधार से लिंक करवा लें।
जन-संवाद कार्यक्रम में जीविका दीदी इन्दु देवी समेत कई लाभुकों ने अपना अनुभव साझा किया।
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से लाभान्वित लाभुक गंगा राम साहू ने अपना उदगार व्यक्त किया तथा मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना से लाभान्वित छात्राओं ने भी प्रसन्नता जाहिर की।
मध्य विद्यालय जयंतीपुर के बालिका अंजली कुमारी, निशा कुमारी, मंगिता कुमारी एवं प्रतिभा कुमारी ने स्वागत गान प्रस्तुत किया।
*हरसिंगपुर में आयोजित जन-संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी श्री राजीव रौशन* ने कहा कि परिणामदायी प्रशासन वही है, जो अपने नागरिकों के प्रति संवेदनशील हो और क्रियान्वयन से लेकर योजनाओं के निर्माण तक में सभी नागरिकों की सक्रिय भागीदारी हो।
सरकार द्वारा जन-संवाद की रूप-रेखा इसी उद्देश्य से बनाई गई है कि विकास की योजनाओं के बारे में आप तक जानकारी पहुँचे और अगर कोई क्षेत्र की समस्या है, या किसी निर्माण के संदर्भ में कोई सुझाव हो, तो हमलोगों के माध्यम से सरकार तक पहुँचे और इस प्रकार से सर्व-समावेशी शासन व्यवस्था की प्रणाली के हमलोग भागीदार बने।
उन्होंने कहा कि जिस राज्य में, जिस जिले में, जिस पंचायत में इतने हौसला वाले लोग हों, प्रेरणा-दायी लोग हो, उसको विकास के मार्ग पर बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है।
हमारे मुख्यमंत्री परिवहन योजना के लाभुक को सुना, हमारे बीच उपस्थित जिन्हें बैट्रीचलित रिक्शा,प्राप्त हुआ है, उनको सुना और उनके द्वारा बताये गये एक-एक शब्द इस बात का प्रमाण है, कि किस प्रकार से सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन के माध्यम से, सहयोग के माध्यम से, उनके योगदान के माध्यम से सामान्य नागरिक के जीवन मे बदलाव आया।
कोई भी सरकार तभी सफल है, जब अपनी जनता के दुख दर्द को समझें और उसकी समस्या को समझे और उसके अनुरूप नीति का निर्माण करे और उसका क्रियान्वयन धरातल पर उसी अर्थ में हो, जिस अर्थ में उसको बनाया गया।
इस कड़ी में कई सारी चीजें है, कई सारे बदलाव के हम साक्षी हुए हैं, कई सारे सकारात्मक सोच सरकार की रही है, जो धारणा रही है कि हम न्याय के साथ विकास करें।
न्याय के साथ विकास कई सारे मायने हैं जिसमें अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति भी ये समझे कि हम सरकार की नीति के पात्र हैं, हम इस राज्य का हिस्सा हैं, इस जिला और इस पंचायत के नागरिक हैं और हमें अधिकार है अपना प्रतिनिधि चुनने का, हमें अधिकार है योजनाओं का लाभ लेने का।
बिहार में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में जो सरकार के द्वारा कार्य किये गये हैं, उसे इतिहास हमेशा याद रखेगा। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आज के समय में अपने आप को विकसित कहने वाले, विकसित घोषित करने वाले, विकसित मानने वाले दुनिया में कई देश महिला एवं पुरुष को वोटिंग राइट एक साथ नहीं दी है। दूसरे देश में पुरुषों को पहले मत देने का अधिकार मिला, जो आज सबसे विकसित है। महिलाओं को बाद में काफी लड़ाई लड़नी पड़ी, संघर्ष करना पड़ा, पर हमारे देश में आजादी के समय ही सभी महिलाओं और सभी पुरुषों को मत देने का, सरकार चुनने का, अपना प्रतिनिधि चुनने का बराबर हक है, दोनों 18 वर्ष में अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाते हैं, ये हमारे लिए गर्व की बात है, हमारे यहाँ शास्त्रों में भी कहा जाता है कि *”यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः”*ईश्वर वही निवास कर सकते हैं, जहाँ नारी को सम्मान है, जहाँ नारी को हम लक्ष्मी समझते हैं और बराबर का हक देते हैं और पूजा सिर्फ पूजा के अर्थ में नहीं होना चाहिए। समाज में हर स्तर पर कोई भी हमारी बच्चियाँ, हमारी महिलाएँ, अगर सड़क से गुजर रही हैं, उन्हें सम्मान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारे घर से कोई भी बहू, बेटियाँ, बच्चियाँ, जब भी कहीं भी जाएगी सुरक्षा हमारा दायित्व है, तो ये है सही मायने में नारी की पूजा का अर्थ।
उन्होंने कहा कि सशक्तिकरण के क्षेत्र में जो पंचायती राज संस्थानों में 50 प्रतिशत का आरक्षण महिलाओं प्रतिनिधियों को मिला है, वे बहुत बड़े बदलाव का कारक हुआ है। इस जिले में पुरूष प्रतिनिधि से ज्यादा महिला प्रतिनिधि हैं और उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता दिखलाई है। घर मे नेतृत्व करते ही थे, अब समाज का, जिले का, राज्य का और इस त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं का, हर जगह प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं और इसके साथ महिलाओं की माँग पर सामाजिक बदलाव हुआ, जो मद्य निषेध का कानून लाया गया। अगर हमारा खान-पान सही नहीं होगा, जीवन जीने का तरीका सही नहीं होगा, तो हम किस प्रकार एक नए समाज की अवधारणा कर पाएंगे, किस प्रकार की दिशा आने वाली भविष्य की पीढ़ी को दे पाएंगे, उन्हें क्या बतला पाएंगे, तो महिलाओं की माँग पर राज्य सरकार में मद्य निषेध की नीति लागू की गई और राज्य में इसे अपराध घोषित किया गया। शराब पीना, बनाना, बेचना, व्यापार करना, रखना सब प्रकार की चीज को प्रतिबंधित किया गया, ताकि घर में लोग दो पैसा ज्यादा जोड़ सके।
सरकार का उद्देश्य है की लोग अपना स्वस्थ ठीक रख सके, पी कर लोग अपना शरीर खराब नहीं कर सके, बीमारी का शिकार नहीं हो, अपने बच्चों को, बच्चियों को सही शिक्षा दे सके और घर को आगे बढ़ाने में दोनों *महिला/पुरूष* मिलकर योगदान दे सके।
इतना ही नही महिला सशक्तिकरण के दिशा में बाल विवाह प्रथा का उन्मूलन हो, चाहे दहेज़ प्रथा को समाप्त करने की दिशा में सरकार की सोच रही हो, ये सरे अकरणीय कदम रहे हैं। महिला सशक्तिकरण का और उदाहरण दूँ तो आप देखेंगे कि सरकार सरकारी नौकरियों में भी राज्य में 35 प्रतिशत से भी अधिक महिलाओं को आरक्षण है, हम लोग महिला सुरक्षा की बात करते थे, अब हमारी बच्चियाँ पुलिस सेवा, बिहार पुलिस में भारी संख्या में आती है और घर की नही, समाज की नहीं, जिला और राज्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाती है, तो ये हमारे बढ़ते हुए बिहार का प्रतीक है, हमारे सामाजिक उत्थान का प्रतीक है, सशक्तिकरण का प्रतीक है।
इस अवसर पर मिथिला की इस पवित्र भूमि को और मिथिला में सकारात्मक सोच रखने वाले हमारे पूर्वजों को स्मरण करना चाहूँगा, आप जानते हैं कि मिथिला शुरू से ज्ञान-विज्ञान की भूमि रही है, बहुत सारे विद्वान चाहे हम विद्यापति जी की बात करें, चाहे मण्डन मिश्र जी बात करें, देवी भारती की बात करें, कई सारे लोग इस क्षेत्र से हुए और उन्होंने अपनी विद्वता की छाप छोड़ी है, जो पूरे देश में आज भी लोग उदाहरण देते हैं। यहाँ के लोग कहानी रहे अपनी संस्कृति को संस्कृति को नहीं भूलते, अपनी सभ्यता को नही भूलते, अपनी पहचान को नही भूलते और उसे हमेशा आगे बढ़ाने का प्रयास किया, ये बड़ी बात है।
मिथिला में दो विश्वविद्यालय पहले से है, ज्योतिष की बात हो, मैथिली पंचांग की बात हो, इस क्षेत्र में आज भी लोग शुभ काम करने से पहले मैथिली पंचांग देखते हैं कि अच्छा काम करने के लिए कौन सा शुभ अवसर है, ये सब ज्ञान जो, हमलोगों ने यहाँ से दिया है और दुनिया ने इसे स्वीकार किया है,।
उन्होंने कहा कि इस कड़ी में सबसे पहले 3D तारामंडल है हमारे जिला में है, उसमें गृह विज्ञान के बारे में, राशि के बारे में, किस प्रकार हम लोग स्टार को देखते हैं, उसे प्रत्यक्ष रूप से दिखाया जाता है, जिससे आने वाले पीढ़ी को अंतरिक्ष मण्डल, सौर मंडल व ज्योतिष कॉन्सेप्ट के बारे में वैज्ञानिक आधार के साथ जानकारी मिल पाती है, ये बहुत बड़ी बात है।
हमारे जिले में फ्लोटिंग सोलर प्लांट है, जिसमें तालाब में नीचे मछली और ऊपर बिजली के कॉन्सेप्ट को अपनाया गया। सौर ऊर्जा दीर्घकाल की ऊर्जा है, जब कोयला जलाकर के बनाने वाली विद्युत खत्म हो जाएगी, तब भी सौर ऊर्जा रहेगा। इसलिए उस विज्ञान की दिशा में भी आगे बढ़ने की जरूरत है और सबसे बड़ी बात है कि उससे पर्यावरण को भी कोई नुकसान नही होता है।
पर्यावरण की बात हो या इस पृथ्वी की बात हो, सरकार हमेशा पर्यावरण के बादलव के कारण जो कुप्रभाव पड़ रहा है, जल-जीवन पर, पशु-पक्षी पर, उसके लिए चिंतित रही है और चिंतित ही नहीं रही है,नीति निर्माण के साथ सभी दलों के साथ बैठक करके जल-जीवन-हरियाली अभियान राज्य में शुरू किया गया है, ताकि हम अपने तालाबों की सुरक्षा करें, जीर्णोद्धार करें। तालाब, पोखर, आहार, पाइन, कुआँ हमारे पूर्वजों ने बनवाया था, ताकि सब लोग साफ पानी पी सके, उन सबों की जीर्णोद्धार की बात सरकार कर रही है, ताकि जो जल स्रोत है, वह रिचार्ज होता रहे। अगर हम सही ढंग से जल स्रोतों को नहीं संभाल कर रख पाएंगे, तो पानी का संकट हो जाएगा। कहीं दूर देखने की जरूरत नही है, अगर सही ढंग से मानसून की बारिश नहीं हो, मार्च से अप्रैल का महीना आते-आते हमारे दरभंगा के कई इलाकों में टैंकर से पानी भेजने की जरूरत पड़ जाती है, तो इसके लिए भी सरकार ने यह प्रयास किया है कि सोख्ता का निर्माण किया जाए।
आप लोग देखते होंगे कि जाड़े का जब मौसम आता है तो राजधानी दिल्ली जैसे शहरों में लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। क्या है उपाय बढ़ते हुए पर्यावरण प्रदूषण को रोकने का। आप सोचिए कि बच्चों के लिए, बुजुर्गों के लिए,उस हवा में सांस लेना आसान ही नहीं, प्राण घातक है, इसका उपाय क्या है, साँस लिए बिना हम रह भी नही सकते हैं,उपाय यही है कि हमारे आगे की पीढ़ी के लिए हरितावरण करना होगा। प्रदूषण फैलाने वाले चीजों को कम करें, हम लोग स्वच्छ एनर्जी के प्रयोग की दिशा में अपना कदम बढ़ाए और इस सब दिशा में चाहे सौर ऊर्जा प्रणाली की बात हो, चाहे वृक्षारोपण की बात हो, हरितावरण बढ़ाने की बात हो, सबके लिए अभियान चला करके सरकार के द्वारा प्रयास किया जा रहा है। इस कड़ी में सात निश्चित योजना को आपलोग जानते है, उसमें किस प्रकार से लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान शामिल है, उसका पार्ट – 2 में स्वच्छ गांव समृद्ध गांव को शामिल किया गया है, बाकी हम लोग सही तरीके से एक सभ्य तरीका अपनाते हुए हम अपने घर का जो कूड़ा-कचरा है, उसका सही तरीके से निपटान करें, जो भी हमारा ऑर्गेनिक कचरा है, उसे कंपोस्ट में तब्दील करके, उसका जो नुट्रेशन है, उसको फिर से खेतों में डाले, फिर से अपने खेतों को जीवित करें, रासायनिक खाद एक सीमा तक ही मिट्टी का उर्वरा क्षमता में फसल उत्पादन में मदद करता है, बाद में ज्यादा उपयोग होने से इसकी उर्वरा क्षमता बढ़ने की वजह घटने लगती है, तो हमें इस चीज का ध्यान रखना होगा। ये तो कलकुलेशन है विकास का और पर्यावरण को बचाये रखने का, जनतंत्र को बचाए रखने का, मिट्टी की जो उर्वरा क्षमता है उसे बचाए रखने का, उसके लिए जो सरकार के नीतिगत निर्णय हैं और हमलोगों के जो जागरूकता है, वे दोनों साथ मिलकर जब काम करेंगी, तभी परिणाम आएगा। नीति चाहे कितनी भी अच्छी हो, योजना कितना भी बढ़िया बना हुआ हो, सरकार अपनी तरफ से कितना भी प्रयास कर रही हो, परिणाम तब तक नही आएगा, जब तक नागरिक, प्रशासन, सरकार सब लोग एक मंच पर एक साथ बैठ करके उसको नही समझेगे, उसका क्रियान्वयन नही करेगें, उसका अनुपालन नहीं करेंगे। राज्य का विकास सबकी साझेदारी से ही सम्भव है।
जन संवाद कार्यक्रम में अलीनगर के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी परमानंद कुमार, अंचलाधिकारी, प्रखण्ड पंचायत राज पदाधिकारी के साथ-साथ जिला व प्रखण्ड स्तरीय पदाधिकारीगण, जिला परिषद सुनीता यादव, प्रखण्ड प्रमुख सविता कुमारी, पंचायत के मुखिया जी देववंती देवी, उप मुखिया जी शाह मोअज्जम हसन, माननीय सरपंच सबीला खातून, उप सरपंच गीता देवी, पंचायत समिति दीपम कुमारी, चमेली देवी एवं अन्य जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे।