वैधानिक स्वरूप देने, आर्थिक सहयोग आने तथा कार्यालय खुलने से एसोसिएशन को मिलेगी मजबूती- कुलपति।
एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर शिशिर कुमार वर्मा ने एसोसिएशन फंड में दिया एक लाख रुपये का आर्थिक सहयोग।
#MNN@24X7 दरभंगा। किसी भी व्यक्ति की ताकत सीमित, परंतु समूह में अनंत ऊर्जा होती है। साधन अपने आप कुछ नहीं करता, बल्कि उसे सही व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाया जाना आवश्यक है। ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी एल्यूमिनी एसोसिएशन को वैधानिक स्वरूप देने, आर्थिक सहयोग आने तथा स्थायी कार्यालय खुलने से एसोसिएशन को मजबूती मिलेगी। समुचित व्यवस्था से अलग होने पर संगठन का पतन हो जाता है।उक्त बातें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय परिसर में पूर्ववर्ती छात्रों के संगठन ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी एल्यूमिनी एसोसिएशन के कार्यालय का लाल फीता काटकर उद्घाटन करते हुए कही।
कुलपति ने कहा कि कोई भी संगठन केवल आर्थिक सहयोग से ही नहीं, बल्कि अन्य तमाम तरह के सहयोग से ही फलीभूत होती है। यदि नियत ठीक हो तो पैसों की कमी कभी नहीं होती है। इस एसोसिएशन के सदस्य न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी काफी संख्या में हैं, जिन्हें साथ लाने की जरूरत है। एसोसिएशन वटवृक्ष सदृश्य मजबूत होता है जो सतत कार्यरत रहता है। विश्वविद्यालय भी अपनी ओर से एसोसिएशन को सहयोग करेगा।
प्रोफेसर सिंह ने बताया कि शीघ्र ही विश्वविद्यालय में विशाल शैक्षणिक भवन का शिलान्यास किया जाएगा, जिसमें साठ वर्ग कक्ष, अनेक शिक्षक कक्ष तथा शोध कक्ष आदि होंगे।
प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा ने एसोसिएशन के कार्यालय के उद्घाटन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एल्यूमिनी एसोसिएशन का भी दायित्व है कि वह शैक्षणिक, आर्थिक एवं सामाजिक आदि रूप से विश्वविद्यालय का सहयोग व मार्गदर्शन करें। मैं आशा करती हूं कि एसोसिएशन अच्छी सोच के साथ विश्वविद्यालय के विकास में पूरा मदद करेगा।
वित्तीय परामर्श कैलाश राम ने कहा कि एल्यूमिनी एसोसिएशन के कार्यालय की स्थापना के कई उद्देश्य हैं। यहां के पूर्ववर्ती छात्र दीप स्वरूप विभिन्न जगहों पर प्रकाश दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि एसोसिएशन का काफी सहयोग विश्वविद्यालय को मिलेगा।
कुलसचिव प्रोफेसर मुश्ताक अहमद ने कहा कि मेरे लिए यह गौरव की बात है कि मेरे कार्यकाल में एसोसिएशन का पंजीयन हुआ तथा कार्यालय का भी उद्घाटन हो गया। विश्वविद्यालय में नई चीजों की स्थापना एवं निर्माण में कुलपति की अति रुचि रही है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त किया कि मैं भी इस एसोसिएशन का सदस्य हूं।
प्रो अहमद ने बताया कि मैं आर एन कॉलेज, पंडौल का छात्र रहा हूं तथा 1985 में यूथ फेस्टिवल का दिल्ली में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व भी किया था।
इस अवसर पर प्रो जितेन्द्र नारायण, प्रो पुनीता झा, प्रो नेहाल, डा अवनि रंजन सिंह, प्रो अशोक कुमार मेहता, प्रो विजय कुमार यादव, प्रो सुरेन्द्र कुमार, प्रो अरुण कुमार सिंह, डा महेश प्रसाद सिन्हा, डा घनश्याम महतो, डा आर एन चौरसिया, डा कामेश्वर पासवान, डा सत्येन्द्र कुमार, डा विनोद बैठा, डा मो ज्या हैदर तथा डा रूपेन्द्र झा आदि सहित विश्वविद्यालय के अनेक कर्मी उपस्थित थे।
अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ से किया गया, जबकि सदस्यों द्वारा उपस्थित लोगों का मुंह मीठा कराया गया। अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन करते हुए एसोसिएशन के सचिव डा दिवाकर झा ने कार्यालय प्रदान करने हेतु विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शीघ्र ही कार्यकारिणी की बैठक कर आगामी मार्च तक एसोसिएशन की आम बैठक आयोजित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि एसोसिएशन के पंजीयन में सी एम कॉलेज के हिन्दी- प्राध्यापक डा रूपेन्द्र झा का सराहनीय सहयोग मिला।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर शिशिर कुमार वर्मा ने कहा कि आज का दिन हमलोगों के लिए यादगार रहेगा। कुलपति ने मुझे एसोसिएशन के अध्यक्ष का दायित्व देकर विश्वविद्यालय से दृढ़ता पूर्वक जोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि मैं 1972 से ही इस विश्वविद्यालय से जुड़ा रहा हूं। प्रो वर्मा ने अपनी ओर से आर्थिक सहयोग के रूप में एक लाख रुपए का चेक कुलपति के हाथों एल्यूमिनी एसोसिएशन फंड में प्रदान किया।