#MNN@24X7 कानपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में मनीष गुप्ता हत्याकांड में मीनाक्षी गुप्ता ने इंसाफ की लड़ाई सोशल मीडिया के माध्यम से भी लड़ी थी।घटना के दूसरे दिन गोरखपुर में धरने के दौरान मीनाक्षी ने अपना ट्विटर एकाउंट बनाया। मीनाक्षी ने घटना की पल-पल की खबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तक को ट्वीट की और इस दौरान कई वीडियो भी जारी किए। वीडियो में गोरखपुर डीएम और एसएसपी तहरीर बदलने का दबाव बनाते हुए भी दिखाई दिए थे।
मीनाक्षी के ट्विटर एकाउंट से कुल 16 ट्वीट किए गए। घटनाक्रम के दौरान ही 4620 फॉलोवर बन गए।मीनाक्षी ने एक नई तरह की लड़ाई खुद लड़ी।अपनी बात को नेताओं से लेकर अफसरों तक पहुंचाई। मीनाक्षी के हर एक ट्वीट पर हजारों लोगों ने कमेंट भी किए। इसके बाद पुलिस पर और शिकंजा कस गया।
घटना के दूसरे दिन मीनाक्षी ने ट्वीट कर कहा था कि मेरे पति की गोरखपुर में हत्या हो गई है, कृपया उचित न्याय दिलाएं। एफआईआर नहीं लिखा जा रही है। इस पर अखिलेश यादव ने रीट्वीट कर कहा कि भाजपा सरकार ने एनकाउंटर की जिस हिंसक संस्कृति को जन्म दिया है, ये उसी का दुष्परिणाम है। इसके चलते गोरखपुर पुलिस ने एक युवक की जान ले ली।
गोरखपुर पुलिस ने मीनाक्षी को ट्वीट कर कहानी बताई थी।
होटल में संदिग्ध की चेकिंग के लिए मैनेजर के साथ पुलिस कमरे में गई थी। दुर्घटनावश कमरे में गिरने से युवक को चोट लग गई। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। लापरवाही बरतने पर छह पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
बता दें कि सितंबर 2021 की रात गोरखपुर के रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के होटल कृष्णा पैलेस में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता, प्रदीप और हरवीर ठहरे हुए थे।आरोप था कि पुलिस चेकिंग के दौरान इंस्पेक्टर और अन्य पुलिसकर्मियों ने मिलकर मनीष गुप्ता को इतना मारा कि उनकी मौत हो गई। मामले ने तूल पकड़ा तो हत्या के मामले में सभी छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।बाद में मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता की मांग पर पूरे मामले को एसआईटी कानपुर को स्थानांतरित किया गया था।इसी बीच मीनाक्षी गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे प्रकरण को राउज एवेन्यू डिस्ट्रिक्ट कोर्ट (स्पेशल कोर्ट सीबीआई) में परीक्षण के लिए स्थानांतरित करने का आदेश दिया। इधर, राज्य सरकार ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया।
(सौ स्वराज सवेरा)