#MNN@24X7 रांची। झारखंड में इन दिनों नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों द्वारा लगातार जबरदस्त अभियान चलाया जा रहा है।इसी कड़ी में चाईबासा के जंगलों में सुरक्षाबलों की नक्सलियों के खिलाफ आरपार की जंग जारी है।नक्सलियों के पैर उखाड़ फेंकने के लिए कोल्हान इलाके में पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ने घेराबंदी शुरू कर दी है।नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए कोल्हान से सटे दूसरे राज्यों की पुलिस भी मदद कर रही है।

टोंटो थाना क्षेत्र के घने जंगलों को नक्सलियों ने अपना अभेद्य किला बना रखा था। नक्सलियों के अभेद्य किले को ध्वस्त करने के लिए सुरक्षाबल अदम्य साहस का परिचय दे रहे हैं।
11 और 12 जनवरी को नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर घात लगाकर हमले भी किए।सुरक्षाबलों को भारी नुकसान पहुंचाने के मंसूबे से आईडी भी ब्लास्ट किया गया।हमले में कोबरा 209 बटालियन के 9 जवान घायल हुए हैं,लेकिन जवानों ने मिशन को नहीं रोका और इस इलाके में लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान को तेज कर दिया है।झारखंड पुलिस मुख्यालय बल्कि सीआरपीएफ के हेड क्वार्टर में भी गहमा गहमी बढ़ चुकी है और हर कदम की हाई लेवल मॉनिटरिंग की जा रही है।

कम दृश्यता बन रही परेशानी।

ट्राईजंक्शन से सटे जिलों के पुलिसकर्मियों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है।बरहाल जिस इलाके में नक्सलियों ने डेरा जमा रखा हैं वह बड़ा ही विषमता भरा है।आईजी अभियान अमोल वेनुकांत होमकर ने बताया कि जंगल काफी घना हैं। 5 फीट दूर खड़ा आदमी भी दिखाई नहीं देता है।इस स्थिति में भी सीआरपीएफ के कोबरा और झारखंड पुलिस के जवान मोर्चा संभाले हुए हैं।

वार रूम में 18 से 20 घंटे बैठक।

नक्सलियों के इस अभेद्य किले को ध्वस्त करने के लिए डीजीपी, एडीजी, आईजी ऑपरेशन और खुफिया विभाग के कई अफसर सीधे तौर पर इस अभियान से जुड़े हुए हैं। आईजी अभियान अमोल विनुकांत होमकर ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए 18 से 20 घंटे वार रूम में बैठ रहे हैं।

नक्सलियों के लिए क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति मुफीद।

सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच लगातार हो रही मुठभेड़ के दौरान झारखंड पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर बीएसएफ के दो हेलीकॉप्टर पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। बुलबुल और बूढ़ा पहाड़ के अपने हाथ से चले जाने के बाद इस इलाके को नक्सली गंवाना नहीं चाहते हैं। जिससे नक्सली अपने सभी रिसोर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।बहरहाल इस इलाके की भौगोलिक स्थिति नक्सलियों के लिए मुफीद है।नक्सली अपने इस गढ़ को बचाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे है। इसलिए ये पूरा इलाका इन दिनों जंग का मैदान बना हुआ है।

(सौ स्वराज सवेरा)