-बीएड नियमित विभाग में स्थापना दिवस के अवसर पर छात्र-छात्राओं ने दी सांस्कृतिक प्रस्तुति
-29 अगस्त को जुबली हॉल में होगा समापन समारोह का आयोजन
दरभंगा। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय द्वारा संचालित बीएड (नियमित) विभाग के स्थापना के 10 वर्ष पूरा होने के अवसर पर 23 से 29 अगस्त 2022 के बीच सप्ताह भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी के तहत स्थापना दिवस सप्ताह के छठे दिन दिनांक 27.08.2022 (शनिवार) को संध्या 04:30 बजे से बीएड (नियमित) के छात्र-छात्राओं ने जुबली हॉल में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन कर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया।
‘पधारो म्हारों देश’, ‘सामा चकेवा’, ‘हम छी मैथिल, मिथिला के वासी’ और देशभक्ति के स्किट की प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। लघु नाटिकाओं के माध्यम से सामाजिक संदेश देकर वाही-वाही बटोरी। कार्यक्रम की शुरुआत में छात्र-छात्राओं ने मां शारदे का वंदना किया। इस प्रस्तुति के साथ ही सांस्कृतिक संध्या का माहौल बन गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम शाम से लेकर देर रात तक चला।
कार्यक्रम के माध्यम से छात्र-छात्राओं को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका मिला। इससे छात्र-छात्राओं के बीच काफी खुशी थी। सांस्कृतिक संध्या में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. अशोक कुमार मेहता ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन के लिए स्वयं मैथिली कविता पाठ किया, जिसे श्रोताओं ने खूब पसंद किया।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में डब्ल्यूआईटी के निदेशक प्रो. बीएस झा, आइक्यूएसी के निदेशक डॉ. मो. ज्या हैदर, प्रेस एवं मीडिया प्रदाधिकारी डॉ. आरएन चौरसिया, विधि पदाधिकारी डॉ. सोनी सिंह और डॉ. अवनि रंजन सिंह शामिल थे। इस कार्यक्रम के लिए विभाग ने सभी छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को आमंत्रित किया था और अधिकत्तर अभिभावक अपने पाल्यों का कला देखने उपस्थित थे।
बीएड (नियमित) के विभागध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार मिलन ने प्रतिभागियों एवं उनके अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की आयोजनों से छात्रों के अंदर की प्रतिभा का निखार होता है, जिसके फलस्वरूप उनकी प्रतिभा निखर कर बाहर आती है। उसकी प्रतिभा अनुसार, उसका मार्गदर्शन किया जाए ताकि भविष्य में वह शिखर तक पहुंच सके। साथ ही छात्रों का सर्वांगीण विकास हो, इसमें शिक्षक एवं अभिभावक दोनों की समान भूमिका होती है। शिक्षा संस्थान को अभिभावकों को यह अवसर देना चाहिए कि वे अपने पाल्यों की प्रगति को स्वयं देख सके।
उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रस्तुति देने वाले प्रतिभागियों को समापन समारोह में मेडल और प्रशस्ति पत्र देकऱ प्रोत्साहित किया जाएगा। 29 अगस्त को सप्ताह भर चलने वाले स्थापना दिवस सप्ताह का समापन व्याख्यान द्वारा पूर्वाह्ण 11:30 बजे से जुबली हॉल में किया जाएगा। सांस्कृतिक संध्या के दौरान मंच का संचालन रंजन कुमार और साक्षी कुमारी ने किया।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ. कुमारी स्वर्णरेखा ने किया। सांस्कृतिक प्रस्तुति देने वाले प्रतिभागियों में अमृता प्रियम, नेहा नुपुर, वीणा, मुधुमिता, रूबी, मुन्नी, वर्षा, निशांसु, पूजा, शिवानी, राखी, प्रदीप, सौम्या, प्रियंका, रुचिस्मता, सौरभ, आरती, अमित, सोनी, सारिका, नीतू, अंजली, उर्वशी, अमरेंद्र आनंद, मौज, प्रदीप, प्रभाकर, कंचन, राहुल और सोनू शामिल थे।
जौँ अहाँ अपन इतिहास के बिसरब, तखन इतिहासो अहाँ के बिसरि जायत।
कार्यक्रम में बीएड नियमित के डॉ. निधि वत्स, डॉ. शुभ्रा, डॉ. कुमारी स्वर्णरेखा, डॉ. मिर्जा रुहुल्ला बेग, किरण कुमारी, डॉ. रेश्मा तबस्सुम, जयशंकर सिंह, गोविंद कुमार, प्रसेनजीत राय, राजू कुमार, सुनील कुमार गुप्ता, डॉ. बबीता, सुभगलाल दास, कुमार सत्यम, व अन्य शिक्षककर्मी और छात्र-छात्राएं मौजूद थे।