दरभंगा जिला में संचालित है चार सामुदायिक पुस्तकालय सह करियर विकास केन्द्र।
राज्य के 32 जिलों के चयनित 100 गांवो में संचालित है सामुदायिक पुस्तकालय सह करियर विकास केन्द्र।
जीविका के मुख्य कार्यापालक पदाधिकारी राहुल कुमार ने किया वेबिनार सीरीज का शुभांरभ।
शिक्षार्थियों से संवाद स्थापित कर सुनी समस्याएं।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे पुस्तकालय।
सीइओ ने कहा शिक्षा व ज्ञान ही सबसे बड़ी शक्ति है।
#MNN@24X7 दरभंगा, 04 मई, राज्य में जीविका के संबल से उसके सामुदायिक संगठनों द्वारा राज्य के 38 में से 32 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 100 सामुदायिक पुस्तकालय सह करियर विकास केन्द्र संचालित हैं।
इन केन्द्रों से निबंधित शिक्षार्थियों के लिए निःशुल्क पुस्तकालय सेवाओं के व्यवस्थित व प्रभावी परिचालन प्रणाली स्थापित की गयी है, इस प्रणाली को और प्रभावी व उद्धेश्य पूर्ण बनाने के लिए सामुदायिक पुस्तकालय सह करियर विकास केंद्रों पर करियर विकास वेबिनार सीरिज का शुभारंभ बुधवार की शाम जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राहुल कुमार के द्वारा ऑनलाइन किया गया।
कार्यक्रम का विषय ग्रामीण किशोरियों व युवाओं के करियर विकास में शिक्षा का महत्व व सामुदायिक पुस्तकालय सह करियर विकास केन्द्र की भूमिका थी, जिसमें जीविका दीदियों, जीविका कर्मियों एवं शिक्षार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रति केन्द्र औसतन 70 से 100 शिक्षार्थियों ने अपनी सहभागिता दिखायी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि इस वेबिनार का उद्देश्य शिक्षा और स्वरोजगार के क्षेत्र में नित नई जानकारियों को उपलब्ध कराना है।
उन्होंने बताया कि जीविका दीदियों द्वारा संचालित पुस्तकालय में अधिकारियों के साथ ही कई लोगों ने पुस्तकें दान में दी है। हमें पुस्तकालयों मे पढ़ने-पढ़ाने का माहौल बनाना है, शिक्षा ही सबसे बड़ी शक्ति है, यह हमें तार्किक शक्ति प्रदान करती है जिससे कुशल होने के साथ-साथ धर्म, जाति, क्षेत्रीयता, गरीबी जैसी असमानताओं से भी मुक्त करती है।
उन्होंने यह भी कहा कि जीविका दीदियों द्वारा संचालित पुस्तकालय से कई बड़ी संस्थाएं भी जुड़ रही हैं। पुस्तकालय में कई बड़ी शैक्षणिक संस्थानों के केन्द्र भी स्थापित करने की प्रक्रिया भी जारी है। पुस्तकालय में इंटरनेट समेत आधुनिक तकनीक और सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी है।
छात्रों से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी व प्रचार-प्रसार के लिए भी पुस्तकालय बेहतर माध्यम बन रहा है, अपने संबोधन में अंचलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान में सभी एक सौ सी.एल.सी.डी.सी में कुल 12,318 से अधिक शिक्षार्थी निबंधित सदस्य हैं, जिसमें लगभग 80 प्रतिशत लड़कियां हैं।
सी.एल.सी.डी.सी में उपलब्ध संसाधनों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षार्थियों को इससे अध्ययन में सहायता मिल रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी सुविधा लड़कियों की शिक्षा के लिए बेहद कारगर साबित हो रही है। यह सामुदायिक पुस्तकालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में न केवल शिक्षा के आधार को बढ़ाया है, यह लड़कियों के लिए यह एक सुकून भरी जगह है, जहां वे न केवल पढ़ाई कर पा रही है बल्कि आने वाले जीवन के सपने भी गढ़ रही हैं।
कार्यक्रम अंतर्गत राज्य परियोजना प्रबंधक पुष्पेंद्र सिंह तिवारी ने भी शिक्षार्थियों को संबोधित किया।
दरभंगा जिला के चार प्रखंडों जाले, अलीनगर, तारडीह व मनीगाछी में सामुदायिक पुस्तकालय सह करियर विकास केन्द्र संचालित है।
सभी केंद्रों पर सैकड़ों की संख्या में शिक्षार्थियों ने ऑनलाइन कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लाभ उठाया।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने शिक्षार्थियों से संवाद स्थापित कर उनके प्रशनों, जिज्ञासाओं व समस्याओं के समाधान के सार्थक उपाय भी बताएं. मौके पर जीविका के जिला व प्रखंड कर्मी, विधा दीदी, शिक्षार्थी व उसके परिजन मौजूद थे।