●वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर के थीम को साकार कर गया जी- 20 में भारत की मेजबानी:- उप परीक्षा नियंत्रक, डॉ. मनोज कुमार।
●सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति में तेजी लाने में सहायक साबित होगा जी-20:- डॉ. मुकुल बिहारी वर्मा।
#MNN@24X7 लनामिवि दरभंगा, आज दिनांक 13 सितंबर 2023 को विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग में जी-20 विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव ने कहा कि जी-20 का सफल आयोजन से न केवल भारत की धमक दुनिया ने सुनी है बल्कि भारत लीडिंग रोल में खड़ा रहा। लोकल से ग्लोबल की राह पर बढ़ चला ‘भारत’, G-20 सम्मेलन में हर तरफ दिखी इसकी झलक। भारत में हुए शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन साहब भी न केवल पहुंचे बल्कि उन्होंने भारत के तैयारियों व वैश्विक रणनीतियों की जमकर तारीफ की। बड़े देशों में सिर्फ चीन को छोड़ दिया जाय तो जी:- 20 की चहुंओर प्रशंसा हो रही है।
मिथिला विश्वविद्यालय के उप-परीक्षा नियंत्रक (व्यवासायिक व तकनीकी शिक्षा) सह विभाग के युवा प्राध्यापक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि जी- 20 कई मामलों में सफल रहा। भारत के कई रोड मैप को जिस प्रकार से जी-20 के देशों ने स्वीकारा यह भारत की बहुत बड़ी रणनीतिक जीत है। स्वयं अमेरिका के राष्ट्रपति यह कहते हुए देखे गये कि भारत से होकर मध्य पूर्व होते हुए यूरोप तक बनाये जाने वाले आर्थिक गलियारे के प्रस्ताव को स्वीकार किया बल्कि कहा कि यह आने वाले भविष्य के लिये काफी महत्वपूर्ण होगा और इसे याद रखा जाएगा। इससे भारत अब सीधे यूरोप से रेलमार्ग से जुड़ जायेगा जिससे 40 प्रतिशत व्यापार में इजाफा होने की उम्मीद है। सही मायनों में कहा जाय तो वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर के थीम को साकार करता दिखा जी- 20 में भारत की मेजबानी ने भारत को विश्व के लिये और विश्व को भारत के लिये तैयार करने में योगदान दिया है।
बतौर मुख्य वक्ता विभाग के वरीय शिक्षक डॉ. मुकुल बिहारी वर्मा ने कहा कि जी- 20 में आतंकवाद व अंतर्राष्ट्रीय शांति, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स, भारत-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर, कई रोड मैप, जलवायु परिवर्तन जैसे अहम मुद्दों पर समझौता बना। सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति में तेजी लाने पर जोर दिया गया है। एआई के लिये बुनियादी ढांचा पर जोर दिया गया है। आगे उन्होंने आतंकवाद और धनशोधन, अर्थव्यवस्था एवं जलवायु, वैश्विक विकास, बहुपक्षीय विकास बैंक, सीमा पार से भुगतान, शिक्षा, कृषि, धर्म व यूक्रेन युद्ध आदि पर हुए विभिन्न समझौतों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
जी-20 पर हुए इस व्याख्यान में सहायक प्राध्यापक रघुवीर कुमार रंजन, गंगेश कुमार झा व दिनेश कुमार आदि ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान विभाग के दर्जनों छात्र-छात्रा व शोधार्थी उपस्थित थे।