साफ़-सफ़ाई के प्रति रही सतर्क, डेंगू हेबा क ख़तरा होयत कम।
सही प्रबंधन’ क आभाव में डेंगू भ सकैत अछि जानलेवा।

मधुबनी,जिला में डेंगू के मरीज भेटला सं स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ बि गेल अछि । डेंगू आ चिकनगुनिया वा आन मच्छर जनित संक्रामक रोग सब के रोगी जिला में पाओल गेलैथ। आब बला पाबनि’क अवसर पर डेंगू चिकनगुनिया सहित आन आन संक्रामक रोग सब सँ प्रभावित क्षेत्र सब सं यात्रि लोकैन के आवागमन के कारण एहि रोग के प्रकोप बढ़बाक संभावना अछि। एकरा देखैत जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विनोद कुमार झा, नगर आयुक्त /नगर कार्यपालक पदाधिकारी मधुबनी के पत्र जारी क’ निर्देशित केलैन। जिला में फागिंग आ लार्वीसाइडल स्प्रे के लेल आ व्यस्क मच्छर सब के रोकथाम के लिए पायरेथ्रम स्पेस स्प्रे क’ छिड़काव सुनिश्चित करबाक लेल चिट्ठी जारी केलैन।

की अछि डेंगू- चिकनगुनिया?

डेंगू आ चिकनगुनिया वेक्टर जनित वायरल बुखार अछि, जे एडीज एजिप्टाई नाम’क मच्छर सँ पसरैत अछि। एहि मच्छर के “टाईगर मासक्यूटो” सेहो कहल जाइत अछि।ई मच्छर घरही वातावरण में आ लगपास जमा भेल साफ पईन में जनमैत अछि। विशेषता ई अछि जे ई मच्छर दिने मे काटैत अछि। मच्छर काटब के पांच-छह दिन में रोग होईत अछि।

मच्छर सँ रही सदैव सावधान:

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार झा कहलनि जे डेंगू आ चिकनगुनिया के बीमारी संक्रमित एडीज मच्छर के काटला सं होइत अछि। ई मच्छर सामान्यतः दिने में काटैत अछि आ ई स्थिर पईन में पनपैत अछि। डेंगू के असरि शरीर में 3 से 9 दिन तक रहैत अछि। एहि सँ शरीर में अत्यधिक कमजोरी आइब जाईत अछि आ शरीर में प्लेटलेट्स लगातार नीचां खस लगैत अछि। ओतहि चिकनगुनिया के असरि शरीर में 3 महीना तक होइत अछि। गंभीर स्थिति में ई 6 महीना तक रहि सकैत अछि। डेंगू आ चिकनगुनिया के लक्षण तक़रीबन एकहि जकाँ होएत अछि। एहि लक्षण सब के प्रति सावधान रहबाक जरूरत अछि।

साफ़ पईन में पनपैत अछि डेंगू के मच्छर:

डॉ. झा कहलनि जे एडीज नामक मच्छर के काटला सं डेंगू बुखार होइत अछि। ई मच्छर साफ़ पईन में पनपैत अछि जे बेसी तर दिने म काटैत अछि।डेंगू के हड्डी तोड़ बोखार सेहो कहल जाइत अछि। 3 से 7 दिन तक लगातार बुखार, माथ में तेज दर्द, दुनू पैर मे तेज दर्द, आँखि के पाछू तेज दर्द, चक्कर आ उल्टी, शरीर पर लाल धब्बे एनाई आ किछु मामिला में आंतरिक आ बाह्य रक्त स्राव भेनाइ डेंगू के लक्ष्ण मे शामिल अछि।डेंगू के कोनो सटीक इलाज त उपलब्ध नहि अछि मुदा कुशल प्रबंधन आ चिकित्सक सबहक निगरानी सं डेंगू के जानलेवा हेबा सं बचाओल जा सकैत अछि।ताहि कारणें ई जरूरी अछि जे डेंगू के लक्षण देखबा म ऐला पर चिकित्सकीय सलाह अवश्ये ली।संगहि बिना चिकित्सकीय सलाह के बोखार’क दबाई खेनाई ख़तरनाक भ सकैत अछि।

3 प्रकार’क होइत अछि डेंगू:

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार नीरज कुमार सिंह कहलन्हि डेंगू मुख्यतः तीन प्रकार’क होइत अछि । साधारण डेंगू, डेंगूहैमरेजिक बुखार आ डेंगूशॉक सिंड्रोम। बेसी काल लोक सब के साधारणे डेंगू होइत अछि जे किछु परहेज केला सँ ठीक भ जाएत अछि।डेंगूहैमरेजिक बुखार आ डेंगूशॉकसिंड्रोम गंभीर श्रेणी मे आबैत अछि। यदि एकर शीघ्रहि इलाज शुरू नहि कैल जाय तखन ई जानलेवा सेहो भ सकैत अछि। डेंगू हैमरेजिक बुखार आ डेंगू शॉकसिंड्रोम में मरीज सब केँ उपचार’क लेल रक्तचाप आ शरीर में खून के स्राव केर निरीक्षण केनाय जरूरी होइत अछि।डॉ. सिंह कहलन्हि एकहि प्रतिशत डेंगू जानलेवा अछि, मुदा बेहतर प्रबंधन के आभाव में डेंगू 50 प्रतिशत तक ख़तरनाक भ’ सकैत अछि।

ऐना करि बचाव:
• घर में साफ सफाई पूरा ध्यान राखी ,कूलर आ गमला क पईन रोज बदलि
• सुतबाक समय मच्छरदानी के उपयोग करी। मच्छर भगब बला क्रीम के इस्तेमाल दिन में करी
• पूरा शरीर के झांप बला कपड़ा पहिरी आ घर’क साफ़-सफाई के संग ओकरा हवादार राखी।
• आस-पास गंदगी जमा नहि हुअ दी,जमा पईन आ गंदगी पर कीटनाशक के प्रयोग नहि करी
• खाली बर्तन आ समान सब में पईन जमा नहि हुअ दी, जमलाहा पईन में मटिया तेल ढ़ारि।
• डेंगू के लक्षण भेटबा पर तुरंते लगबला स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करी।