#MNN@24X7 दरभंगा आज दिनांक 4 जुलाई 2023 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दरभंगा इकाई द्वारा डोमिसाइल नीति हटाने एवं शिक्षक अभ्यर्थियों को गुमराह करने के विरुद्ध सेंट्रल लाइब्रेरी ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पास एक दिवसीय धरना दिया गया।
इस धरना को संबोधित करते हुए एम आर एम कि कॉलेज अध्यक्ष करीना कुमारी ने कहा कि कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन में शिक्षा का स्तर रसातल में चला गया है। बिहार में आज है BPSC स्तर तक के एग्जाम का भी पेपर लीक हो जाता है। लगभग विद्यालय महाविद्यालय में मूलभूत सुविधा के साथ शिक्षकों का घोर अभाव है। हमारे मुख्यमंत्री का ध्यान ऐसे शिक्षा के विषयों को ठीक करने के बजाय उनका ध्यान दारू खोजने और प्रधानमंत्री कैसे बन जाए उस पर होता है।
इस अवसर पर नगर सह मंत्री रवि यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री छात्रों से मजाक कर ही रहे हैं साथ में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर बिहार के प्रतिभाओं का मजाक उड़ा संपूर्ण बिहार के छात्रों का मजाक उड़वा रहे हैं। ऐसे अयोग्य लोग शिक्षा मंत्री नीतीश कुमार के राज में ही बन सकते हैं।इस अवसर पर विभाग सह संयोजक राहुल सिंह ने बताया कि छात्र शिक्षा से जुड़े शिक्षक समुदाय एवं अन्य लोग जब शिक्षा से जुड़ी विषयों के साथ अपनी मांग सरकार के पास शांतिपूर्ण तरीके रखने जाते हैं या उनके गलत नीतियों का विरोध करते हैं तब उनपर बर्बतापूर्वक लाठीचार्ज कर उनको पिटवाया जाता है जो निंदनीय है एवं माफी योग्य नही है।नगर सह मंत्री विकास कुमार ने बताया बिहार के वर्तमान ठगबंधन की सरकार शिक्षा को बिहार में बर्बाद करना चाहते हैं। इसलिए वे बिहार को विकसित बनाने की नीति न बनाकर जो मन में आ रहा है। वो एक तानाशाह के तरह कर रहे हैं जिससे किसी भी बिहार वासी का भला नहीं होने वाला है।
कार्यक्रम समापन के बाद मुख्यमंत्री के नाम 4 सूत्री मांग जिलाधिकारी द्वारा नगर मंत्री अमित शुक्ल के नेतृत्व में सौंपा गया।
1. शिक्षक बहाली प्रक्रिया के बीच में डोमिसाइल नीति को बदलना तकनीकी रूप से गैरकानूनी है। इससे बिहार के बच्चों के लिए
अवसर की कमी हो जाएगी। जहां सभी राज्य अपने राज्यों में केवल अपने बच्चों को ही प्राथमिकता देने के लिये डोमिसाइल नीति को लागू करते हैं तो वहीं सभी गैर हिन्दी राज्य अपने स्थानीय भाषा का ज्ञान भी आवश्यक कर देते हैं।
2. बिहार में नहीं है मेधा की कमी शिक्षक बहाली के लिए ऑल इंडिया लेवल पर वैंकेसी खोले जाने का जो शिक्षा मंत्री ने तर्क दे रहे हैं वह बहुत ही शर्मनाक है। बिहार में मेधा की कोई कमी नहीं है और साइंस स्ट्रीम में अभ्यर्थियों की भी कोई कमी नहीं है. शिक्षा मंत्री
गणित के लिए अभ्यर्थियों की कमी की बात करते हैं जबकि पूरे देश और दुनिया में गणित के क्षेत्र में बिहारी छात्रों का जलवा रहता है।
3. शिक्षक बहाली की नियमावली और सिलेबस में जिस प्रकार परिवर्तन हो रहे हैं उससे शिक्षक अभ्यर्थी परेशान है और कंप्यूजड हैं. अभी तक आठ बार विज्ञापन में संशोधन किया जा चुका है जिस प्रकार शिक्षक बहाली निकाली गई है और लगातार जिस प्रकार उसमें संशोधन किए जा रहे हैं इससे यह सिद्ध हो रहा है कि बिना तैयारी के यह बहाली निकाल दी गई है।
4. 2 जुलाई को पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस के द्वारा किया गया बलप्रयोगधर्मनाक है। इसके लिए छात्रों से बिहार सरकार को माफी मांगनी चाहिए एवं एक उत्पस्तरीय जाँच कराकर दोषियों को कड़ी सजा देनी चाहिए।
कार्यक्रम में प्रांत सह मंत्री उत्सव पराशर शोध प्रमुख वागीश,रितेश,अमृता,रौशनी,वैष्णवी,नीली,महिमा,जयंती,दिव्या,नंदनी,राखी, खुशबू,स्नेहा सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे