सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में निबंधन है जरूरी।

मजदूर स्वंय ऑनलाईन कर सकते हैं निबंधन।

निबंधित मजदूर के स्वभाविक मृत्यु पर 02 लाख, दुर्घटना मृत्यु पर 04 लाख रुपये का मिलता है अनुदान।

दो बेटियों की शादी के लिए मिलता है 50-50 हजार रूपये का लाभ।

निबंधित महिला मजदूर की शादी के समय भी मिलता है 50 हजार रूपये।

मनरेगा के सभी मजदूर है इसके पात्र।

#MNN@24X7 दरभंगा, 20 अप्रैल, बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में असंगठित क्षेत्र के 18 से 60 वर्ष के कामगार का निबंधन हो जाने पर तथा निबंधन का एक साल पूरा हो जाने पर, उन्हें एवं उनके संतान को उनके योजनाओं का लाभ प्रदान किये जाते है।
 
कामगारों का निबंधन बोर्ड के वेबसाईट http://bocw.bihar.gov.in पर ऑनलाईन आवेदन देकर किया जाता है।
 
आवेदन पत्र के साथ आधार कार्ड, बैंक पासबुक, रंगीन पासपोर्ट साईज का फोटो एवं विगत 01 वर्ष में नियोजक द्वारा निर्गत 90 दिन कार्य करने का प्रमाण-पत्र अथवा 90 दिनों के कार्य करने से संबंधित स्वघोषण पत्र अपलोड करना होता है।
 
साथ ही निर्धारित निबंधन शुल्क 20 रूपये एवं 50 पैसे प्रतिमाह की दर से 05 वर्ष के लिए निबंधन के समय ही 30 रूपये अंशदान अर्थात निबंधन एवं अंशदान शुल्क 50 रूपये देय है। 05 वर्ष के बाद श्रमिक को पुनः नवीकरण करना पड़ता है।
 
अंशदान समय पर जमा नहीं करवाने पर सदस्यता समाप्त हो जाती है। आवेदन के साथ नवीकरण हेतु निर्धारित शुल्क Payment Gatway के माध्यम से जमा किया जाता है। भवन एवं सन्निर्माण कार्य के अन्तर्गत, जो कामगार आते है, उनमें भवन निर्माण एवं सड़क निर्माण कार्य में संलग्न अकुशल कोटि के कामगार, राज मिस्त्री, राज मिस्त्री का हेल्पर, बढ़ई, लोहार, पेंटर, भवन में बिजली एवं संलग्न कार्य करने वाले इलेक्ट्रीशियन, भवन में फर्श/फ्लोर टाइल्स का कार्य करने वाले मिस्त्री तथा उसके सहायक, सेंट्रिग एवं लोहा बांधने का कार्य करने वाले, गेट ग्रिल एवं वेल्डिंग का कार्य करने वाले, कंक्रीट मिश्रण करने वाले, कंक्रीट मिक्सर मशीन चलाने वाले तथा कंक्रीट मिक्स ढ़ोने वाले, महिला कामगार (रेजा), जो सिमेन्ट, गारा मिक्स ढ़ोने का कार्य करती है, रौलर चालक, सड़क, पुल एवं बांध निर्माण कार्य में लगे मजदूर, सड़क पुल बांध, भवन निर्माण कार्य में विभिन्न आधुनिक यंत्रों को चलाने वाले मजदूर, बांध, पुल, सड़क या भवन निर्माण कार्य में लगे चौकीदार, भवन निर्माण में जल प्रबंधन का कार्य करने वाले प्लम्बर, फीटर इत्यादि, ईंट निर्माण एवं पत्थर तोड़ने के कार्य में लगे मजदूर, रेलवे, टेलीफोन, हवाई अड्डा इत्यादि के निर्माण में लगे अकुशल अस्थायी कामगार, मनरेगा कार्यक्रम के अन्तर्गत (बागवानी एवं वानिकी को छोड़कर) है।