स्वामी विवेकानंद की जयंती पर संगोष्ठी आयोजित।
स्वामी विवेकानंद ने कहा उठो, जागो और तब तक न रूको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो – प्रोफेसर राज नाथ यादव।
स्वामी विवेकानंद ने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौम का पाठ पढ़ाया – प्रोफेसर पवन कुमार झा।
आज के विखंडित एवं पथभ्रष्ट समाज को जोड़ने के लिए विवेकानंद के विचार रामबाण औषधि है- डॉ घनश्याम राय।
#MNN@24X7 पूर्णिया राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में गुरुवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती के शुभ अवसर पर सीनेट हॉल में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। सर्वप्रथम स्वामी विवेकानंद की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित की गई।
दीप प्रज्ज्वलित कर संगोष्ठी का उद्घाटन किया किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर राज नाथ यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का विचार था कि शिक्षा ऐसी हो जिससे बालक का शारीरिक,मानसिक तथा आत्मिक विकास हो। ऐसी शिक्षा हो जिससे बालक के चरित्र का निर्माण,मन का विकास और बुद्धि का विकास हो। शिक्षक और छात्र का संबंध अधिक से अधिक निकट होना चाहिए। बालक और बालिका को एक समान शिक्षा होनी चाहिए। स्वामी जी का नारा था,उठो, जागो और तब तक रूको नहीं जब तक तुम अपना लक्ष्य प्राप्त न कर लो। कुलपति ने कहा कि हमें विवेकानंद जी के जीवन दर्शन से संकल्प लेना चाहिए कि समाज में सर्वधर्म सम्भाव, धार्मिक सहिष्णुता का पालन, अपने धर्म का तत्परता से पालन, वसुधैव कुटुंबकम् की भावना आदि हो। स्वामी विवेकानंद ने युवाओं में देश भक्ति की भावना जागृत किया।
प्रति कुलपति प्रोफेसर पवन कुमार झा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने दुनिया को सार्वभौम और सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया। अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रोफेसर मरगूब आलम ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार हम सबों के लिए अनुकरणीय और प्रेरणादाई है।
कुलसचिव डॉ घनश्याम राय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का विचार भारत हीं नहीं बल्कि विश्व के युवाओं के लिए प्रासंगिक एवं अनुकरणीय है। उनके विचार आज के विखंडित एवं पथभ्रष्ट समाज को जोड़ने के लिए रामबाण औषधि है। डॉ राय ने कहा कि स्वामी जी ने शिक्षा को समाज की रीढ़ कहा है।
उनके अनुसार शिक्षा मनुष्यता की संपूर्णता का प्रदर्शन है। स्वामी विवेकानंद ने अध्यात्म, वैश्विक मूल्यों, धर्म, चरित्र निर्माण, शिक्षा एवं समाज को बहुत विस्तृत एवं गहरे आयामों से विश्लेषित किया है। कार्यक्रम का संचालन सह धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ आर डी पासवान ने कहा। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के पदाधिकारीगण,शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी,छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।