#MNN@24X7 चिरैया, पूर्वी चंपारण। प्रशांत किशोर ने पूर्वी चंपारण के चिरैया प्रखंड के मधुबनी गांव में गाँधी आश्रम पहुंच महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने वहां हथकरघे का काम कर रहे लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया।
मजदूरों ने उन्हें बताया कि रेशम का धागा जो असम से लाते हैं वो पहले यहां के मजदूर खुद बनाया करते थे। गांव के लोग खेती कर बाजार में बेचा करते थे, जिससे उनकी आमदनी में मुनाफा अधिक होता था, पर अब स्थिति बदल गई है।
आगे मजदूरों ने प्रशांत किशोर को बताया कि सब काम धंधा बंद होने के कगार पर है, 2 मीटर कपड़ा बुनने में डेढ़ घंटे का समय मजदूर लेते हैं और आरा, बक्सर जैसे दूसरे जिलों में बेचते हैं। उन्होंने बताया कि 1 मीटर रेशम के कपड़े की कीमत 450 रुपए हो गई हैं। पहले हज़ारों लोग हथकरघे के काम में लगे थे पर अब 50 भी नहीं बचे हैं, लोग ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनकी मेहनताना काम के हिसाब से नहीं मिलती।