#MNN@24X7 सोनपुर, सारण, 09 अप्रैल जन सुराज पदयात्रा के 189वें दिन की शुरुआत सारण के सोनपुर प्रखंड अंतर्गत भरपुरा पंचायत स्थित पदयात्रा कैंप में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ गोपालपुर पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा भरपुरा, जहांगीरपुर होते हुए सोनपुर प्रखंड अंतर्गत सोनेपुर नगर परिषद् पंचायत अक्षरा स्कूल मैदान में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची।
आज प्रशांत किशोर सारण के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच गए। उनकी स्थानीय समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 2 आमसभाओं को संबोधित किया और 3 पंचायत के 15 गांवों से गुजरते हुए 10.4 किमी की पदयात्रा तय की।
आजादी के समय बिहार और तमिलनाडु विकास के मामले में बराबर थे, आज तमिलनाडु बिहार से 6 गुणा आगे।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के सोनपुर में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि हमें आपको समझने की जरूरत है कि आखिर बिहार की गरीबी खत्म क्यूं नहीं हो रही है? आजादी के समय बिहार और तमिलनाडु विकास के मामले में बराबर थे, आज तमिलनाडु बिहार से 6 गुणा आगे पहुंच गया है, तो यह समझने की जरूरत है आखिर ऐसा हुआ कैसे? बिहार को जो रोग लगा है उसे समझने की जरूरत है जब तक रोग के कारण को पता नहीं किया जाएगा, तब तक हम इस समस्या से ऊपर नहीं उठ पाएंगे। सरकार और नेता काम नहीं कर रहे हैं इसलिए बिहार पिछड़ गया है, तो मैं आपको बता रहा हूं कि असली वजह यह नहीं है। बिहार को सुधारना है तो शिक्षा, रोजगार और पूंजी के अवसर पैदा करने होंगे लोगों के हाथ में पैसा देना होगा तब जाकर बिहार का भला हो पाएगा।
पिछले 50 वर्षों में बिहार ने 27 मुख्यमंत्री देखें, ऐसा क्यों है कि कोई भी बिहार की तस्वीर बदल नहीं पाया: प्रशांत किशोर।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के सोनपुर में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार आज भी देश का सबसे गरीब सबसे पिछड़ा, अशिक्षित और बेरोजगारी वाला राज्य है। मैं जो कह रहा हूं आप इस सच्चाई से इंकार भी नहीं कर पाएंगे, मैं इस बहस में पड़ना ही नहीं चाहता कि किस नेता ने काम किया और किस नेता ने नहीं किया। जो काम किए, जो नहीं किए मैं सबको प्रमाण करता हूं, आप बिहार के नागरिक हैं आपको इतना समझ तो है कि बीते 50 सालों में आपका भला नहीं हुआ और आने वाले समय में भी इसी लचर व्यवस्था को पकड़े रहे तो आने वाले साल भी आज के जैसा ही होगा। बिहार को किसी 1 नेता ने सुधारा या बिगाड़ा इस बात में मैं पड़ना ही नहीं चाहता। बीते 50 सालों में बिहार में 27 मुख्यमंत्री बने, ऐसा तो नहीं हो सकता कि सभी बेवकूफ़ थे या कोई काम नहीं करना चाहता होगा? आपको हमे समझने की जरूरत है कि बिहार की गरीबी खत्म हो क्यूं नहीं हो रही है तभी समस्या को सुधारा जा सकता है।