#MNN@24X7 गुठनी / दरौली, सिवान। जन सुराज पदयात्रा के 144वें दिन की शुरुआत सिवान के बेलौर पंचायत स्थित बेलौर फील्ड में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ बेलौर पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा जतौर, चकरी, दरैली मठिया, बेलाओं, कुम्हाटी भिटौली, होते हुए दरौली प्रखंड अंतर्गत दोन बुर्जग पंचायत के द्रोणाचार्य स्टेडियम में जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची।
प्रशांत किशोर की पदयात्रा का सिवान में आज 17वां दिन है। वे जिले में 10 से 15 दिन और रुकेंगे और इस दौरान वे अलग-अलग गांवों और प्रखंडों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच जाएंगे। उनकी समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर 5 आमसभाओं को संबोधित करेंगे और 7 पंचायत के 15 गांवों से गुजरते हुए 20.1 किमी की पदयात्रा तय की।
घर में घुस कर आतंक मचाते थे RJD के लोग, इसलिए बिहार की जनता अब दोबारा लालू को नहीं लाना चाहती है: प्रशांत किशोर।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता को पुरा देश दिखाई देता है, लेकिन अपने घर-गांव की दुर्दशा पर कभी ध्यान नहीं जाता। प्रशांत किशोर ने लालू यादव के जंगलराज पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कुछ लोग लालू यादव के जंगलराज से डर कर भाजपा को वोट दे देते हैं, क्योंकि अपराध वाले जंगलराज के समय घर में घुस कर अपराधी गोली मार कर, अपहरण कर चले जाते थे। 4 बजे शाम में कोई लूटपाट न कर ले इस डर से लोग खेत-सड़क छोड़ कर घर के भीतर चले जाते थे। इसी डर से लोग लालू यादव के RJD को वोट न देकर मजबूरी में BJP को वोट दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जनता हर बार सोचती है कि इस बार विधायक को सबक सिखाएंगे, लेकिन जब चुनाव का समय आता है और लोगों को लगता है की लालटेन जीत रहा है तो जंगलराज से डर कर भाजपा को वोट दे देते हैं। बिहार में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का सबसे बुरा हाल है, दलितों के बाद। सबसे ज्यादा बदहाली अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की है। अल्पसंख्यक समुदाय का कहना है कि जिंदा रहे या ना रहे भाजपा को तो वोट नहीं कर सकते क्योंकि भाजपा मुस्लिम विरोधी पार्टी है। आज बिहार में बस दो ही दलों का राज है, मोदी जी की भाजपा और लालू जी का लालटेन। नीतीश कुमार का तो कोई दल ही नहीं बचा, कभी लालटेन पकड़ कर लटक रहे है, तो कभी कमल के फूल पर बैठ कर तैर रहे हैं।
बिना चप्पल, बिना कपड़े और पिल्लू वाली खिचड़ी खाकर आपके बच्चे कलेक्टर नहीं मजदूर ही बनेंगे: प्रशांत किशोर।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता अपने बच्चों के नाम पर कभी वोट नहीं करती, जनता सभी बातों को भूल जाती है कि चार किलों ही अनाज में गुजारा करना पड़ रहा है, पढ़ने की व्यवस्था नहीं है। जब जनता वोट जाति-धर्म के नाम पर कर रही है तो आप विकास की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? जो बोएंगे वही काटेंगे, अगर आपका बच्चा पढ़ ही नहीं रहा है तो कलेक्टर कहां से बन जायेगा? आपका बच्चा स्कूल में जाता है पढ़ने तो वो पढ़ नहीं रहा, बल्कि पिल्लू वाली खिचड़ी खा रहा है। पिल्लू वाला खिचड़ी खाकर आपका बच्चा मजदूर ही बनेगा कलेक्टर नहीं, और आपको इसकी चिंता ही नहीं है।