केन्द्रीय टीम ने फाइलेरिया उन्मूलन को ले डीएम से किया विमर्श।
शहरी क्षेत्र के 23 प्रतिशत लोग मैक्रोफाइलेरिया से ग्रसित- डॉ भूपेंद्र।
फाइलेरिया एक संक्रामक रोग है, इससे करें बचाव।
फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा का सेवन ज़रूरी।
केंद्रीय टीम ने फाइलेरिया बीमारी की स्थिति व निदान से कराया अवगत।
मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए शहर को स्वच्छ रखने का दिया सन्देश।

#MNN@24X7 दरभंगा,21 नवंबर । जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जायजा लेने आयी स्वास्थ्य मंत्रालय की  केंद्रीय टीम के अध्यक्ष डॉ भूपेंद्र त्रिपाठी ने सोमवार को जिलाधिकारी श्री राजीव रौशन के साथ समीक्षात्मक बैठक की. इस क्रम में डॉ त्रिपाठी ने डीएम से डेटा के माध्यम से फाइलेरिया अभियान के दौरान  दवा वितरण, दवा के सेवन, उसका प्रभाव, माइक्रोप्लान, अस्पताल की  ढांचागत सरंचना, स्वच्छता, फील्ड में आशा कार्यकर्ताओं  की कार्यशैली, अभियान की मॉनिटरिंग व कार्यान्वयन  विषय पर चर्चा की.

इस दौरान जिलाधिकारी ने केंद्रीय टीम को फाइलेरिया उन्मूलन में जिला प्रशासन के  पूरा सहयोग करने की बात कही. उन्होंने  मच्छरों को पनपने व स्वच्छता के लिए नगर निगम के अधिकारियों से बात करने की बात कही. इसके अलावा फाइलेरिया उन्मूलन  अभियान को सफल करने के तहत स्वास्थ्य विभाग के कार्यकलापों की मॉनिटरिंग करने की बात जिलाधिकारी ने कही. मीटिंग के दौरान डीएम ने विभाग को फाइलेरिया से बचाव को ले दिए जाने वाले खुराक को सही तरीके से बताने को कहा, व सामने में ही दवा खिलाने का निर्देश दिया. वहीं  दवा सेवन के बाद किसी प्रकार की चिकित्सा सुविधा के लिए कर्मियों को  अलर्ट रहने को कहा ताकि सही समय पर लोगों  को समुचित चिकित्सा मिल सके.
 
फाइलेरिया की स्थिति, जानकारी व दिए गए सुझाव-

स्वास्थ्य विभाग की केंद्रीय टीम के अध्यक्ष डॉ भूपेंद्र ने सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार सिन्हा को पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से जिले में फाइलेरिया की स्थिति, समस्या व निदान की जानकारी दी. दरभंगा प्रवास के अंतिम दिन सोमवार को डॉ त्रिपाठी ने कहा कि जिला के हर चौथे व्यक्ति मैक्रोफाइलेरिया से पीड़ित हैं.शहर के 23 प्रतिशत लोगों को मैक्रोफाइलेरिया है.

उन्होंने कहा कि यह एक खतरनाक संक्रामक रोग है. इससे बचाव के लिए स्वच्छता व दवा के वितरण व सेवन को लेकर बेहतर प्रबंधन ज़रूरी है. इसे लेकर सीएस को प्लान बनाकर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा. साथ ही इसके निदान से अवगत कराया. कहा कि इसके लिए ब्लॉक स्तर पर माइक्रोप्लान बनाकर हर पात्र व्यक्ति को आशा या स्वास्थ्य कर्मियों के सामने दवा खिलाएं. ध्यान रखा जाए कि दवा बर्बाद न हो पाए. इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को हर घर पर दस्तक देना होगा.

डॉ त्रिपाठी ने विस्तार से बताते हुए कहा कि अधिकांश लोग  फाइलेरिया के बारे में जानते ही नहीं . इसे लेकर जागरूकता पर ध्यान देना होगा. इसके अलावा डॉ त्रिपाठी ने प्रखंडो में  फाइलेरिया दवा वितरण को लेकर आईडीए राउंड की  वस्तुस्थिति से अवगत कराया. डॉ त्रिपाठी ने  फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर गांव स्तर पर अभियान चलाने को कहा, ताकि लोगों  का   फाइलेरिया से बचाव किया जा सके. मौके पर आईसीएमआर के डॉ  सुब्रमन्यम, सीएफएआर के डॉ एस के पाण्डे, डीएमओ डॉ जेपी महतो, केयर की श्रद्धा झा, अंशु कुमार, धीरज सिंह, डब्ल्यू एच ओ के डॉ दिलीप व विभाग के कर्मी मौजूद थे.