-मेयर की अध्यक्षता में वार्ड सदस्य से की गई अपील।
-जिले में 10 अगस्त से खिलाई जाएगी फाइलेरिया से बचाव की दवा।
-शहरी क्षेत्र सहित बेनीपट्टी, बिस्फी, पंडौल में चलेगा सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम।
#MNN@24X7 मधुबनी, 3 अगस्त, जिले में 10 अगस्त से फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम का आयोजन होगा. अभियान जिले के शहरी क्षेत्र सहित बेनीपट्टी, बिस्फी, पंडौल में चलाया जाएगा. कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए गुरुवार को नगर निगम कार्यालय में मेयर अरुण कुमार राय की अध्यक्षता में एक बैठक हुई जिसमें फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने में नगर निगम के वार्ड पार्षद से सहयोग की अपील की गई.
विदित हो कि इस बार 10 से 12 अगस्त तक बूथ स्तर पर दवा खिलाई जाएगी. जिसके तहत सभी कार्यालयों,बैंक, स्कूल, कॉलेज में दवा खिलाई जाएगी. उसके बाद वॉलिंटियर के द्वारा घर-घर जाकर दवा खिलाई जाएगी.विदित हो कि अभियान के लिए जून माह में 18 से 23 जून तक नाइट ब्लड सर्वे किया गया था. जिसमें रात्रि 8:30 बजे के बाद प्रत्येक प्रखंड से 600 लोगों का रक्तपट्ट संग्रह लिया गया था. जिसमें शहरी क्षेत्र सहित 3 प्रखंडों में ही मैक्रोफाइलेरिया का दर 1% से अधिक रहा जहां अभियान चलाया जाना है. शेष बचे प्रखंडों मे नाइट ब्लड सर्वे के दौरान निर्धारित किसी साइट पर मैक्रो फाइलेरिया दर एक फीसदी से कम या शून्य रहा लिहाजा फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर प्री ट्रांस एसेसमेंट सर्वे फेज में जा पंहुचा है.अभियान की सफलता के लिए डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा. शिक्षा विभाग एनसीसी, एनएसएस, जीविका, पंचायती राज विभाग सहित अन्य विभागों से सहयोग की अपील की गई है.
फाइलेरिया से बचाव के लिए 5 साल तक लगातार साल में एक बार जरूर करें दवा का सेवन :
पिरामल के धीरज कुमार सिंह ने बताया किसी भी व्यक्ति को फाइलेरिया ना हो इसके लिए 5 साल तक लगातार साल में एक बार दवा का सेवन अनिवार्य रूप से करना चाहिए. इस बीमारी के मरीज की मृत्यु नहीं होती, लेकिन उसका जीवन बोझ हो जाता है. इसका वाहक क्यूलेक्स मच्छर है. अगर आज किसी व्यक्ति को संक्रमित करता है तो बीमारी के लक्षण आने में 5 से 10 या 15 साल तक का समय लग सकता है. जब तक बीमारी का पता चलता तब तक काफी देर हो जाती है. इससे बचना है तो दवा का सेवन जरूर करना चाहिए.
10 अगस्त से जिले में खिलाई जाएगी दवा:
फाइलेरिया उन्मूलन के सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत 10 अगस्त से दवा खिलाई जाएगी. जिसमें डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी. 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं, प्रसव उपरांत 7 दिनों तक व गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को कोई दवा नहीं खिलायी जानी है. कार्यक्रम में छूटे हुए घरों में कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी. खाली पेट दवा का सेवन नहीं किया जाना है. दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खानी जरूरी है.अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाई जानी है.
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग की रणनीति :
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए केंद्र सरकार के द्वारा वर्ष 2030 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं राज्य सरकार के द्वारा वर्ष 2027 तक उन्मूलन करने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके लिए प्रतिवर्ष सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम के तहत 2 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को दवा खिलाई जाती है.जिसमें आम लोगों को जागरूक होना होगा.तभी अभियान को सफल बनाया जा सकता और हमारा समाज फाइलेरिया से मुक्त हो सकता है.
मौके पर लक्ष्मीकांत झा,पिरामल के धीरज सिंह,दीपक कुमार, पीसीआई के विशाल कुमार सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे.