#MNN@24X7 29 मई 2023 बहादुरपुर, आज से बहादुरपुर अंचलाधिकारी के कार्यशैली के खिलाफ पूर्व घोषणा अनुसार अंचल कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू हुआ। आंदोलनकारियों ने कर्मचारियों को बाहर निकाल कर कार्यालय में तालाबंदी कर कामकाज को ठप कराया। वहीं धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता सीपीआईएम नेता गणेश महतो ने की।

सभा को संबोधित करते हुए सीपीआईएम राज्य मंडल सदस्य श्याम भारती ने कहा कि सरकार ने भूमिहीनों को 5 डिसमिल जमीन देने का ऐलान किया है। जिस जमीन पर पूर्व से घर बनाकर रह रहे थे। मुझे हरियाली योजना के तहत हटाया गया है उसे पूरा जमीन के साथ-साथ आवास देने की घोषणा हुई है। मगर अंचल पदाधिकारी इस घोषणा पर अमल नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्व में हुए समझौते पर कार्यवाही नहीं हुआ, कार्रवाई होने तक उन्होंने आंदोलन जारी रखने की घोषणा की। सीपीआईएम नेता राम नरेश शाह, सुनील शर्मा, सुशीला देवी, मनोहर शर्मा आदि ने सभा को संबोधित करते हुए अंचलाधिकारी पर आरोप लगाया है की अंचल पदाधिकारी बहादुरपुर, सरकार के फैसले को नजरअंदाज कर रहे हैं,और जमींदार सामंतों के पक्ष में खड़े हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्व में अंचलाधिकारी द्वारा बिरनिया, लक्ष्मीपुर, हसनपुर, पररी, भैरोपट्टी, मिर्जापुर, कौआही, देकुली के भूमिहीन जो वर्षों से बसे हुए हैं उन्हें बासगीत पर्चा देने, गौशालावर गांवो को मुख्य सड़क से जोड़ने,स्कूल निर्माण के लिए जमीन मुहैया कराने से संबंधित मांगों पर पिछले कई आंदोलनों में समझौता वार्ता के दौरान कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया। मुख्यमंत्री के समाधान यात्रा के दौरान भी मुख्यमंत्री को दिए गए मांग पत्र के आलोक में अंचलाधिकारी ने अभिलंब कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। मगर उस पर कार्रवाई नहीं हुआ।

मिर्जापुर कौआही एवं पररी के लगभग 150 बरसों से जमीन पर बसे हुए भूमिहीनों को पर्चा देने के लिए संचिका तैयार है। मगर अंचलाधिकारी को लाभार्थियों द्वारा पर्चा के बदले मोटी रकम नहीं देने के कारण पर्चा देने की कार्रवाई नहीं किया जा रहा है। गौशालाबर को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए पंचायत द्वारा सड़क की स्वीकृति भी दी जा चुकी है। मगर अंचलाधिकारी इसे नजरअंदाज कर रहे हैं।

सड़क के संबंध में जिला पदाधिकारी एवं उप समाहर्ता ने पूर्व में कई आदेश अंचलाधिकारी को जमीन उपलब्ध कराने के संबंध में देख चुके हैं। जमीन मालिक भी सड़क के लिए जमीन देने के लिए तैयार हैं।मगर अंचलाधिकारी के उदासीनता के चलते सड़क के लिए जमीन उपलब्ध नहीं हो रहा है।

विदित हो कि गौशालावर गांव अति पिछड़ा मल्लाह जाति का लगभग 200 परिवार वर्षों से गांव में रह रहे हैं। मगर उन्हें अभी तक सड़क नहीं मिला। कई लोग सड़क का सपना संजोगे इस दुनिया से भी चले गए। दोनों नेताओं ने पूर्व में किए गए वार्ता के आलोक में कार्रवाई करने तथा अंचलाधिकारी के कार्यशैली का जांच कर कार्रवाई करने तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है, और पूरे अंचल कार्यालय को ताला बंद कर दिया गया। जनता का काम नहीं तो कार्यालय खोलने का कोई मतलब ही नहीं।