सिवान में बोले पीके – 17 साल से नीतीश कुमार को आपने जिताया, दिल्ली में मोदी जी को भी बिठाया, लेकिन फिर भी बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य।
गोरेयाकोठी / पचरुखी, सिवान 13 फरवरी, जन सुराज पदयात्रा के 135वें दिन की शुरुआत सिवान के सानी बसंतपुर पंचायत के सानी बसंतपुर गांव में शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ संग्रामपुर गांव के मध्य विद्यालय से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा सानी बसंतपुर, सतवार, चौकी हसन, भालुआरा, हरदोबारा, पिपरा, शंभोपुर होते हुए उखाई पंचायत के पूरब पट्टी गांव के उखाई क्रिकेट ग्राउंड स्थित जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची।
प्रशांत किशोर की पदयात्रा का सिवान में आज आठवां दिन है। वे जिले में 15 से 20 दिन और रुकेंगे और इस दौरान वे अलग-अलग गांवों और प्रखंडों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच जाएंगे। उनकी समस्याओं को समझ कर उनका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर 5 आमसभाओं को संबोधित किया और 8 पंचायत के 13 गांवों से गुजरते हुए 18.4 किमी की पदयात्रा तय की।
17 साल से नीतीश कुमार को आपने जिताया, दिल्ली में मोदी जी को भी बिठाया, लेकिन फिर भी देश का सबसे पिछड़ा राज्य: प्रशांत किशोर।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान के गोरेयाकोठी में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आज सबसे ज़्यादा अशिक्षा, बेरोज़गारी बिहार में है, बहुत सारे लोगों ने बहुत तरीक़े से प्रयास किया, पहले कांग्रेस को वोट किया, फिर 15 साल तक गरीब के लड़के लालू जी को वोट किया, फिर हमने कहा कि पढ़े लिखे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाओ जिसमें 17 साल से नीतीश कुमार जी भी बैठे रहे और दिल्ली में मोदी जी को भी वोट देकर देख लिया, लेकिन बिहार की दशा नहीं सुधरी। पुराना रोग होता है जिसकी नब्ज आसानी से पकड़ नहीं आती है, बिल्कुल वैसी स्थित बिहार के समस्याओं की है। हम पैदल चल रहे हैं ये बताने के लिए कि आपकी ये दुर्दशा है क्यों है?
उन्होंने लोगों से कहा कि आज आपकी ये दुर्दशा इसलिए है, क्योंकि आप बिहार के लोग 5 साल बैठ के यही बात करते है की भ्रष्टाचार है, सड़क नहीं है नाली नहीं है पढ़ने की व्यवस्था नही है, रोज़गार नहीं है, खेत में पानी नही है, यूरिया नहीं है, 2000 के धान 1500 रुपए में बेच रहे है, लड़का दूसरी जगह जाकर मज़दूरी कर रहा है। ये सब बात आपको मालूम है, आप रोज़ चर्चा भी करते है लेकिन जैसे ही चुनाव का समय आता है तो ये सारी बात आप भुल जाते हैं। बिहार में पिछले 30-40 साल से लोग सिर्फ़ चार बात ही याद रखते है। पहली बात हमारी जात क्या है, जो जात से बच जाते है उनको भारत पाकिस्तान, पुलवामा, चीन करके उनका वोट लिया जाता है। फिर हिंदू-मुस्लिम के नाम पर मुस्लिम को रोकने की बात कही जाती है, और हिंदू मुस्लिम किया जाता है। जिस नेता को आप कल तक गाली दे रहे होते हैं, उनको वोट के समय जात धर्म में फंस कर वही गलती दोहरा देते हैं।
अपने जीवन का सबकुछ छोड़कर आपके सामने हाथ जोड़कर कह रहा हूं, अपने बच्चों के लिए वोट करना सीखिए: प्रशांत किशोर।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान पचरुखी में आम सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में एक प्रशांत किशोर आ जाए या 10 प्रशांत किशोर, बिहार को कोई नहीं सुधार सकता क्योंकि यहां की जनता खुद सुधरने को तैयार नहीं है। हम जब पैदल चल रहे हैं और हमारे साथ 100 बच्चे आगे चल रहे हैं, आप 50 ऐसे बच्चों को देखेंगे जिसके शरीर पर कपड़ा नहीं है, आधे से ज्यादा बच्चों के पैर में चप्पल भी नहीं है। आपके बच्चे जिस स्कूल में जाते हैं, वहां पढ़ाई नहीं पिलुआ वाली खिचड़ी खिलाई जाती है। उसके बाद भी आपको अपने बच्चों की कोई चिंता ही नहीं है। जब आपको अपने बच्चों की चिंता ही नहीं है तो कोई नेता और दल आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा। इसी बात को बताने चले हैं, हम आपसे वोट नहीं मांग रहे हैं, घर घर जाकर अपने जीवन का सब कुछ छोड़कर आपके सामने हाथ जोड़ रहे हैं कि अपना नहीं तो अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट करिए। धर्म-जाति, भारत-पाकिस्तान, हिंदू-मुस्लिम में उलझे रहेंगे तो आपकी तरक्की कभी नहीं होगी। जिस गरीबी बदहाली में आपका जीवन गुजरा है, आपकी आने वाली पीढ़ी का भी इसी बदहाली में जीवन बीतेगा।