मुख्यमंत्री उन्हें अविलंब मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें
#MNN@24X7 दरभंगा। कल दिनांक 12 जनवरी को बिहार प्रदेश भाजपा आईटी सोशल मीडिया विभाग के क्षेत्रीय प्रभारी मुकुंद चौधरी ने बयान जारी कर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के उस बयान की कड़ी आलोचना की जिसमें उन्होंने तुलसीदास द्वारा रचित ग्रंथ रामचरितमानस पर दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी की थी। उन्होंने यह भी कहा की शिक्षा मंत्री के बयान पर किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। यह उसी टोले के हैं जिन्हें आज तक आतंकवादियों का धर्म नहीं दिखायी दिया है लेकिन ‘हिंदू आतंकवाद’ सुनते ही तालियां पीटने लगते हैं। चन्द्रशेखर राजद की उसी हिंदू द्रोही परंपरा का निर्वहन करते हुए अब हिंदू धर्मग्रंथों पर विषवमन कर रहे हैं। खैर अपने बयान के सहारे इन्होंने एक बार फिर से साबित कर दिया कि भले ही नाम में प्रोफेसर लगा हो लेकिन लाठीधारी पार्टी में जाते ही लोगों की बुद्धि कुंद पड़ जाती है। आधे-अधूरे ज्ञान के सहारे ही यह बुद्धिजीविता की उल्टियां करने लगते हैं।
उन्होंने कहा की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य की शिक्षा व्यवस्था ऐसे लोगों को सौंप कर युवाओं के भविष्य को रसातल में पहुंचा देना चाहते हैं? समाजिक सद्भाव की माला जपने वाले नीतीश जी को बताना चाहिए कि हिन्दुओं को बार-बार अपमानित करवाने से कौन सा समाजिक सद्भाव बढ़ता है? नीतीश जी में यदि हिन्दुओं के प्रति थोड़ी सी भी संवेदना होगी तो उन्हें इस शिक्षामंत्री को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए। लोग जानते हैं कि यदि उन्होंने रामचरितमानस के बजाए किसी अन्य धर्मविशेष की धार्मिक किताब पर ऐसी टिप्पणी की होती तो नीतीश कुमार कब का चन्द्रशेखर को किनारे लगा चुके होते और चंद्रशेखर के खिलाफ सर तन से जुदा के नारे पूरे बिहार में गूंज रहे होते।