नई शिक्षा नीति के आड़ में फीस वृद्धि व सेमस्टर सिस्टम का फैसला वापस ले राज्यपाल – आइसा।
सेमस्टर सिस्टम छात्रों पर अतिरिक्त रुप से आर्थिक बोझ को बढ़ाने वाला नियम – आइसा।
नई शिक्षा नीति व सीबीसीएस पर हस्तक्षेप करें बिहार सरकार – आइसा।
दरभंगा 19 मई, केंद्र सरकार बिहार में शिक्षा को पूंजीपतियों के हवाले करने का फरमान जारी कर दिया है। बिहार जैसे शैक्षणिक रूप से पिछड़े राज्य में नयी शिक्षा नीति व सीबीसीएस नियम छात्रों को कैम्पस से बेदखली करने का फरमान है।
नई शिक्षा नीति में लाया गया एग्जिट सिस्टम ड्रॉपआउट को बढ़ावा देता है। क्योंकि बिहार के गरीब – दलित – पिछड़े समुदाय से आने वाले छात्र इतनी भारी भरकम फीस का भुगतान नहीं कर पाएंगे। जो छात्र जिस रूप से आर्थिक व सामाजिक पृष्ठभूमि से आएगा वह उतना ही पढ़ाई कर आगे की पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर होगा।
छात्र संगठन आइसा के जिला सचिव मयंक कुमार यादव एवं जिला अध्यक्ष प्रिंस कर्ण ने संयुक्त रूप से कहा कि जहां एक तरफ बिहार में न नियमित सत्र है और ना ही नियमित कक्षा वहां पर सीबीसीएस लागू करना छात्रों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ाने का जरिया है। केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति लागू कर बिहार के शिक्षण संस्थानों को कॉरपोरेट के हवाले कर रही है।बिहार के विश्वविद्यालयों को कॉर्पोरेट के लिए सस्ता मजदूर पैदा करने की फैक्ट्री बनाया जा रहा है।
बिहार में आर्थिक व सामाजिक रूप से कमजोर तबके से आने वाले छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ देते है। नई शिक्षा नीति के आड़ में व्यापक फीस वृद्धि कर केंद्र सरकार का गरीबों-पिछड़ो-दलितों को कैम्पस से बेदखल करने की साजिश है। आगामी दिनों छात्र संगठन नयी शिक्षा नीति व सीबीसीएस के खिलाफ छात्रों को गोलबंद कर उग्र आंदोलन करेगी।