◆ पटना डीएम बोले- ‘जिनको दिक्कत है, वो सीआरपीसी पढ़ें!’
#MNN@24X7 पटना, बिहार में स्कूल खोलने और बंद को लेकर दो आईएएस आमने-सामने हो गए हैं. ठंड बढ़ने के बावजूद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने स्कूल खोलने का फरमान जारी कर दिया है. दूसरी ओर जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू करते हुए स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है. अब इस स्थिति में बच्चे इस सवाल को लेकर परेशान है कि स्कूल खुले हुए हैं या बंद?
पटना जिलाधिकारी चंद्रशेखर ने एक इंटरव्यू में एसीएस केके पाठक के निर्देश पर कहा है कि बिहार में ठंड से जिंदगी बेहाल है. ऐसे में पहले जिंदगी जरूरी है. अगर किसी को आदेश से दिक्कत है तो वो सीआरपीसी पढ़ें लें.
जिलाधिकारी ने कहा कि आकास्मिक स्थिति से निपटने के लिए हमें शक्तियां मिली हैं. पटना के डीएम ने ठंड के कारण सभी स्कूलों को वर्ग आठ तक और आगनबाड़ी को 23 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया था. आदेश के अनुसार आकस्मिक परिस्थितियों को लेकर स्कूल को बंद करने का फैसला लिया गया था. पटना का तापमान साढ़े 5 डिग्री से भी कम था, इसलिए ये फैसला लिया गया था. आगे मौसम को देखकर फैसला लिए जाने की बात भी कही गई थी.
वहीं, पटना के डीएम ने सीआरपीसी नियम का हवाला देते हुए कहा कि आकास्मिक स्थिति से निपटने के लिए हमें अधिकार मिला है. कहीं कोई विवाद नहीं है, हमने अपने क्षेत्राधिकारी से मिली शक्तियों के तहत ही स्कूल बंद करने का फैसला किया है और हमारे आदेश का उच्चतर न्यायालय में ही चुनौती दी जा सकती है.
दरअसल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने स्कूल में शीतलहर के कारण दी जा रही छुट्टी पर सख्त नाराजगी जाताई है. उन्होंने शिक्षा विभाग की ओर से लेटर भी जारी कर दिया है और शीतलहर के कारण दी जा रही छुट्टी को वापस लेने का आदेश दे दिया. शिक्षा विभाग ने पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया है कि 23 जनवरी को अपने जिले के विद्यालयों को खुलवाने की कार्रवाई करें.
उधर पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने भी इस मामले को लेकर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. इस कारण केके पाठक के साथ उनका विवाद और बढ़ सकता है. हालांकि अब देखना है कि केके पाठक की तरफ से क्या कुछ एक्शन होता है. पटना डीएम ने रविवार को ही 23 जनवरी तक वर्ग आठ तक के स्कूली बच्चों को शीतलहर के कारण छुट्टी दी थी, अब देखना है कि आगे उनके तरफ से क्या फैसला होता है.