विमुक्त बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति, दरभंगा के समक्ष उपस्थापित कर बाल गृह में रखा गया।

#MNN@24X7 दरभंगा, 06 जून, प्रधान सचिव ,श्रम संसाधन विभाग के निर्देशानुसार बाल श्रम उन्मूलन दिवस (30 अप्रैल) से प्रारंभ होकर विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (12 जून) तक बाल श्रम के विरुद्ध लगातार आम-जनमानस के बीच जन-जागरूकता एवं समाज के प्रत्येक वर्ग को बाल श्रम के विरुद्ध सजगता हेतु विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में सघन निरीक्षण एवं व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने का निर्देश के क्रम में आज पुनः बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु सदर अनुमण्डल क्षेत्र अन्तर्गत बहादुरपुर प्रखण्ड क्षेत्र के विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के निर्देशानुसार धावा दल की टीम द्वारा सघन जाँच अभियान चलाया गया।

सर्वप्रथम जाँच के क्रम में बेंता स्थित मकसूद रिक्शा दुकान से एक बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया। वहीं विमुक्त बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति, दरभंगा के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है।
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम-1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।

श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम-1986 के अन्तर्गत गैर-कानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और 02 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है।
   
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम.सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार, 1996 में दिये गये आदेश के आलोक में  नियोजकों से 20 हजार रुपये प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी, जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास-सह-कल्याण कोष में जमा किया जाएगा। इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि धावा दल की टीम द्वारा आज बहादुरपुर प्रखण्ड स्थित सभी दुकान एवं प्रतिष्ठान में सघन जाँच की गई तथा सभी नियोजकों से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भी भरवाया गया।

श्रम अधीक्षक द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह संचालित होगा तथा दरभंगा शहर के साथ-साथ सभी अनुमण्डल एवं प्रखण्ड मुख्यालयों में भी धावा दल संचालित किया  जाएगा तथा बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आज की इस धावा दल टीम के संयोजक के रूप में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, बहादुरपुर अमित कुमार कश्यप, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, कुशेश्वरस्थान शुभम, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, घनश्यामपुर बमबम कुमार, चाइल्ड लाइन दरभंगा के प्रतिनिधि, अमरेश कुमार झा, आश्रय ट्रस्ट के जिला समन्वयक निवेश कुमार  और पुलिस केन्द्र, दरभंगा से ऐंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट से 03 पुलिसकर्मी शामिल थे।