‘हक दो-वादा निभाओ’ नाम से होगा यह अभियान, चलेगा जनसंवाद।

सभी गरीब परिवारों को सरकार द्वारा घोषित 2 लाख रु. की सहायता राशि पर माले का होगा फोकस।

भूमिहीनों को 5 डि. जमीन, सबको पक्का मकान, एमएसपी की गारंटी, सिंचाई साधन, कृषि विकास, स्कीम वर्कर्स-महिला, रोजगार, पलायन, शिक्षा-स्वास्थ्य, सड़क, ग्रामीण विकास होंगे मुद्दे।

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा व 65 प्रतिशत आरक्षण को संविधान की 9 वीं अनुसूची में शामिल करवाने का मुद्दा भी होगा अभियान का हिस्सा।

16 जुलाई को पटना में होगा राज्यस्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन।

जुलाई महीने में संगठन के विस्तार व उसके सुदृढ़ीकरण पर होगा जोर।

विधानमंडल सत्र में भी उठेंगे जनता के मुद्दे।

नीट घोटाला, मुजफ्फरपुर चिट फंड मामले, रसोइयों के लिए न्यूनतम मानदेय की गारंटी, राज्य में पुल टूटने की धारावाहिक घटनाओं और चुनाव बाद की हिंसा आदि सवालों को उठाया जाएगा

#MNN@24X7 पटना, विगत दिनों आरा में संपन्न भाकपा-माले की दो दिवसीय राज्य कमिटी की बैठक के उपरांत माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि पार्टी ने चार महीनों के लिए धारावाहिक आंदोलन का एक ऐक्शन प्लान तैयार किया है. इस अभियान का नाम होगा – हक दो-वादा निभाओ. अभियान जाति सर्वेक्षण के उपरांत चिन्हित किए गए 94 लाख गरीब परिवारों को सरकार द्वारा घोषित 2 लाख रु. की सहायता राशि पर फोकस होगा और इसे आंदोलन का मुद्दा बनाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि राज्य कमिटी ने आरा व काराकाट लोकसभा तथा अगिआंव (सु.) विधानसभा सीट पर पार्टी को कामयाब बनाने के लिए शाहाबाद और मगध के मतदाताओं का धन्यवाद ज्ञापन किया. अब पार्टी के संगठन के चौतरफा विस्तार, उपलब्धियों को मजबूत बनाने और बिहार में एनडीए सरकार के खिलाफ जनांदोलनों के निर्माण का समय है.

पार्टी के चौतरफा विस्तार और इसमें नई ऊर्जा भरने के लिए जुलाई अभियान का आह्वान किया गया है. नए सदस्यों की भर्ती पर जोर होगा. पार्टी के पहले महासचिव का. चारू मजूमदार के शहादत दिवस 28 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक सभी ब्रांचों की बैठक होगी. इस मौके पर गांव-गांव झंडे फहराये जाएंगे. पार्टी के मुखपत्र समकालीन लोकयुद्ध की सदस्यता बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा.

‘हक दो – वादा निभाओ’ अभियान के मुद्दे होंगे: 1. हर गरीब परिवार को दो लाख रुपये का अनुदान 2. भूमिहीन परिवारों के लिए 5 डिसमिल आवासीय जमीन, सबको पक्का मकान व 200 यूनिट मुफ्त बिजली 3. किसानों के लिए एमएसपी, सिंचाई साधन व कृषि विकास 4. स्कीम वर्कर्स और महिलाओं के सवाल 5. युवाओं के लिए रोजगार, पलायन का सवाल 6. शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, ग्रामीण विकास के अन्य सवाल 7. लोकतंत्र व संविधान से जुड़े सवाल

गरीब परिवारों को 2 लाख रु. की सहायता राशि देने की दिशा में सरकार के प्रयास नाकाफी हैं. सरकार ने आय प्रमाण पत्र का झमेला बना रखा है. स्थानीय प्रशासन 72000 रु. सालाना का आय प्रमाण पत्र नहीं दे रहा है. इसका मतलब है कि जरूरतमंदों को सही अर्थों में इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. आय प्रमाण पत्र को लेकर हम अगस्त के महीने में व्यापक आंदोलन में जाएंगे.

सितंबर-अक्टूबर महीने में सभी उपर्युक्त 7 मुद्दों पर गांव-गांव जनसंवाद का कार्यक्रम आयोजित किया जाना है. नवंबर में प्रखंड मुख्यालयों पर जोरदार प्रदर्शन होगा. अभियान के दौरान बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और 65 प्रतिशत आरक्षण को संविधान की 9 वीं अनुसूची में डालने के सवाल को भी प्रमुखता से उठाया  जाएगा. इसकी शुरूआत 16 जुलाई को पटना के रवीन्द्र भवन में आयोजित पार्टी के राज्य स्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन से होगा.

22 से 26 जुलाई तक विधानमंडल सत्र के दौरान राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर आंदोलनात्मक पहलकदमियों ली गई हैं. सत्र के दौरान नीट घोटाला, मुजफ्फरपुर चिट फंड मामले, रसोइयों के लिए न्यूनतम मानदेय की गारंटी, राज्य में पुल टूटने की धारावाहिक घटनाओं और चुनाव बाद की हिंसा आदि सवालों को प्रमुखता से उठाया जाएगा.

सत्र के दौरान ही 23 जुलाई को आइसा की ओर से नीट घोटाले पर विधानसभा मार्च का कार्यक्रम लिया गया है. 24 जुलाई को मुजफ्फरपुर डीबीआर कांड के खिलाफ मामले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच व पीड़ितों के न्याय के सवाल पर ऐपवा की ओर से विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा. इसी दिन बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ की ओर से भी प्रदर्शन का कार्यक्रम है. 25 जुलाई को खेग्रामस की ओर से विधानसभा पर प्रदर्शन की तैयारी है.  किसान महासभा की ओर से 19 जुलाई को बिहार के सभी प्रखंड मुख्यालयों पर विरेाध प्रदर्शन व मुख्यमंत्री का पुतला दहन का कार्यक्रम आयोजित होगा.