दरभंगा।आजुक दिन( 6-12-2021) के भारतरत्न बाबा साहेब डॉ०भीम राव आंबेडकर केर परिनिर्वाण दिवस पर विश्विद्यालय हिंदी विभाग में संगोष्ठी के आयोजन भेल। विभागाध्यक्ष डॉ० राजेन्द्र साह कार्यक्रम केर अध्यक्षता करैत कहलनि जेकि डॉ० आंबेडकर’क समग्र चिंतन आ दर्शन आ समस्त लेखन मानवीय मूल्यों सं अनुप्राणित छल|हुनकर सबटा विचार समाज के सर्वांगीण विकास’क लेल अपरिहार्य छल। कोनो समाज तखन धरि विकसित आ सही मायना में सभ्य नहि भ’ सकैत अछि जाबत धरि ओहि मे भेद-भाव जेहन संकीर्णता निहित अछि। बाबासाहेब नवराष्ट्रनिर्माण केर प्रक्रिया में समतामूलक समाज के निर्माण के विशेष रूप सं महत्त्वपूर्ण मानलथि|डॉ० राजेन्द्र छात्र ब सं मुखातिब होइत कहलनि जे विपरीत परिस्थिति मे कोनो व्यक्ति स्वयं के केना उंचाई तक पहुंचा सकैत अछि,एकर सबसं नीक मिसाल डॉ०आंबेडकर छथि। बाबासाहेब के ई संघर्ष-चेतना अनुकरणीय अछि। अम्बेडकर, वस्तुत: महामानव छलाह |

पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो०चन्द्रभानु प्रसाद सिंह कहलनि जे बेसी काल डॉ० आंबेडकर केर अर्थशास्त्री बला पक्ष अलक्षित रहि जाइत अछि। जौँ डॉ० आंबेडकर संविधान निर्माण सं नहि जुड़ितथि, अछूतोद्धार से न जुड़ि तथि तखन ओ महान अर्थशास्त्री के रूप में जानल जैतथि। हुनकर आर्थिक चिंतन पर रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के नींव राखल गेल । आई जाहि दौर सं अपना सब गुजरि रहल छी ओहि मे सबसं बेसी अम्बेडकर प्रासंगिक छथि।