दरभंगा। मंगलवार को जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे बिरौल प्रखंड के दर्जनों भूमिहीन परिवार,प्रखंड अंतर्गत ऐसे कई भूमिहीन परिवार जिन्हें बिहार सरकार के द्वारा भूमिहीन होने के बदले बिहार सरकार के द्वारा 5 डिसमिल जमीन दिया जाना था। हम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दलित प्रकोष्ठ, हीरा राम ने कहा वर्ष 2007 में इन लोगो सरकार की ओर से प्रमाण पत्र निवर्तमान जिलाधिकारी के द्वारा लाभुक को उपलब्ध करा दिया गया था। लेकिन लगभग डेढ़ दशक बीत जाने के बाद भी इन लोगो को सरकार की ओर से जमीन पर बसाया नही जा सका है।
इन भूमिहीन लाभुको जिनको बिहार सरकार द्वारा जमीन दिया गया उस पर इनका ना घर बनाना नाही कब्जा हो सका है। जिसका कारण यह है जिन जमीन का इन्हें प्रमाण पत्र दिया गया है। उकत जमीन पर जब यह लोग घर बनाने के लिए व अपना दखल करने के लिए जाते हैं तो इन लोगों को कई प्रकार की समस्याएं झेलनी पड़ती है। और वे अपना हक अधिकारी नही ले पा रहे हैं।
आज यह सरकारी स्तर पर उदासीनता के कारण इतने सालों बीत जाने के बाद भी भूमिहीन परिवार के बिच जमीन उपलब्ध नहीं किया जा सका है। अब उस जमीन पर अन्य व्यक्ति भी दावा करते हैं जब यह सभी लाभूक जब सीओ के पास पहुंचते हैं और सीओ से उकत जमीन पर दखल कराने का आग्रह करते हैं तो टालमटोल करते हैं। यही कारण है के लगभग 15 साल बीत जाने के बाद भी भूमिहीन परिवार के बिच सरकार द्वारा आवंटित की गई जमीन पर घर नही बना पा रहे हैं भूमिहीन परिवार कब्जा के लिए गुहार लगाने जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे थे।
भूमिहीन परिवार के लाभुको का कहना था हमें घर बनवाने और जमीन पर कब्जा करवाने में प्रशासन की ओर से कोई मदद नही की जा रही है। आवेदन देने आए कुछ ऐसे नए लाभूक भी थे। जिनको जमीन की बहुत आवश्यकता थी यह सभी भूमिहीन परिवार दरदर भटकने को मजबूर हो रहे हैं। वही प्रदेश महासचिव महिला प्रकोष्ठ की ज्योति देवी ने कहा इन सभी की संघर्ष की लड़ाई को हम लड़ रहे हैं और कई बार प्रशासन को इस पर आवेदन दिया जा चुका है। उन्होंने कहा हम लोग सत्ता पक्ष सरकार में होने के बाबजूद गरीबो को उनका हक अब तक नही दिलाया जा सका है। हीरालाल राम ने कहा हमारी सरकार होते हुए भी हमारी बात नहीं सुन रही तो आम आदमी की समस्याओं का समाधान कैसे होगा।