• आरबीएसके की टीम ने बच्चों को किया था चयनित
• मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना में शामिल है बाल हृदय योजना
• अब तक जिले के 37 नौनिहालों को मिल चुकी है नई जिन्दगी
#MNN24X7 मधुबनी, 28 दिसंबर । मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्चय पार्ट-2 में शामिल बाल हृदय योजना , जन्मजात दिल में छेद से ग्रसित बच्चों के लिए जीवनदायनी साबित हो रही है। मधुबनी जिले के अब तक कई बच्चों की इस योजना के तहत सर्जरी की जा चुकी है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के द्वारा चयनित मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड के 1 बच्चे को आरबीएसके टीम द्वारा चिन्हित कर 28 दिसंबर ( बुधवार ) को मधुबनी से पटना एंबुलेंस से भेजा गया। जिसमें बच्चे के साथ अभिभावक भी गए बच्चे के अभिभावक के आने-जाने एवं खाने-पीने, इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी। ऑपरेशन सत्य साईं अस्पताल अमदाबाद में सरकारी खर्चे पर किया जाएगा बच्चे का ऑपरेशन बाल हृदय योजना के तहत हार्ट का निःशुल्क ऑपरेशन किया जाएगा।
जिले से अब तक 37 बच्चे को ऑपरेशन के लिए भेजा गया अहमदाबाद :
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ. कमलेश कुमार शर्मा ने बताया कि मधुबनी जिले से एक बच्चे को दिल के ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद भेजा गया है । अबतक जिले में 37 बच्चे ऑपरेशन किया गया है.
प्रखंड स्तर पर आरबीएसके की टीम करती है स्क्रीनिंग :
सिविल सर्जन डॉ. ऋषि कांत पांडे ने बताया कि योजना के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों की पहचान के लिए जिलास्तर पर स्क्रीनिंग की जाती है। जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा अन्य अधिकारी भी शामिल होते हैं। जहां से बच्चों को इलाज के लिए आईजीआईएमएस, ए आईआईएमस,आईसीआईसीआई पटना या फिर अहमदाबार रेफर किया जाता है। स्क्रीनिंग से लेकर इलाज पर आने वाला पूरा खर्च सरकार उठाती है। किसी बच्चे के हृदय में छेद हो जाता है तो किसी को जानकारी रहती नहीं है। बाद में कुछ उम्र के बाद बच्चों को कई तरह की कठिनाई होने लगती है। इसको ध्यान में रखते हुए यह बच्चों की निःशुल्क जांच एवं इलाज की व्यवस्था की गयी है।
एंबुलेंस की सुविधा नि:शुल्क:
बाल हृदय योजना के तहत बच्चों को नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधा मुहैया करायी जाती है। बच्चों को घर से अस्पताल या अहमदाबाद जाने के लिए एयरपोर्ट, या अस्पताल से घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा मुहैया करायी जाती है। जिसका खर्च विभाग की तरफ से वहन किया जाता है। आरबीएसके कार्यक्रम मुख्य रूप से बच्चों की बीमारी दूर करने का कार्यक्रम है। इसके तहत कई बीमारी का इलाज किया जा रहा है। टीम के सदस्य ऐसे गांव में पीड़ित परिवार से जाकर मिलते हैं। उन्हें सरकारी कार्यक्रम की जानकारी देते हैं। इसके बाद बच्चों का इलाज होता है।