यदि मानव इसी तरह प्रकृति से खिलवाड़ करता रहा तो जल्द ही पूरी सृष्टि खतरे में पड़ जाएगी- प्रधानाचार्य।
एनएसएस शिक्षा का व्यावहारिक एवं अभिन्न अंग, जिससे होता है छात्रों का व्यक्तित्व विकास एवं चरित्र निर्माण- डा चौरसिया।
#MNN@24X7 दरभंगा, एनएसएस के कार्यक्रमों से समाज को काफी लाभ तथा हम सबको अति प्रसन्नता होती है। स्वयंसेवकों को समाज में जाकर पर्यावरण सुरक्षा हेतु आमलोगों को जागरूक करना चाहिए। उक्त बातें मारवाड़ी कॉलेज, दरभंगा के प्रधानाचार्य डा दिलीप कुमार ने एनएसएस इकाई द्वारा “यूथ फॉर इको डेवलपमेंट” विषय पर आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यदि मानव इसी तरह प्रकृति के साथ खिलवाड़ करता रहा तो शीघ्र ही सृष्टि खतरे में पड़ जाएगी।
प्रधानाचार्य में कहा कि 2050 ईस्वी तक भारत की अधिकांश नदियां एवं तालाब आदि जल स्रोत लगभग सूख जाएंगे। पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें अभी से निरंतर सकारात्मक काम करना होगा। अन्यथा हमारी स्वार्थ पूर्ण एवं गलतियों का खामियाजा पूरी सृष्टि को भोगना होगा।
विश्वविद्यालय के पूर्व एनएसएस समन्वयक एवं संस्कृत- प्राध्यापक डा आर एन चौरसिया ने कहा कि एनएसएस शिक्षा का व्यावहारिक एवं अभिन्न अंग है, जिससे छात्र- छात्राओं के व्यक्तित्व का विकास एवं चरित्र का निर्माण होता है। यह युवाओं में सामाजिक कर्तव्यबोध जागृत करता है, जिससे वे समाजोपयोगी बनकर राष्ट्रनिर्माण में अपना बेहतरीन योगदान करते हैं। एनएसएस युवाओं के सृजनात्मक एवं कलात्मक क्षमताओं का विकास कर उन्हें कौशल युक्त एवं आत्मविश्वासी बनाता है। स्वयंसेवकों का कार्य समाजकल्याण की भावना से युक्त होता है, जिससे आमलोग जागरूक एवं संवेदनशील बनते हैं।
डा चौरसिया में शिविर आयोजन के लिए महाविद्यालय परिवार को बधाई एवं छात्रों को शुभकामना देते हुए कहा कि इससे वे सामाजिक समस्याओं से रूबरू होकर उनके निदान में अपना सर्वोत्तम योगदान करेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि स्वयंसेवक शिविर के दौरान समाज को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाकर प्रकृति को बचाने में अपना अमूल्य योगदान करें।
दीप प्रज्वलित कर शिविर का उद्घाटन करते हुए एनएसएस समन्वयक डा विनोद बैठा ने शिविर आयोजन हेतु स्वयंसेवकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने छात्रों से शिविर के दौरान एनएसएस के उद्देश्यों को सार्थक करने का आह्वान किया। साथ ही विश्वविद्यालय की ओर से सहयोग करने का आश्वासन दिया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में मिल्लत कॉलेज की कार्यक्रम पदाधिकारी डा सोनी शर्मा ने कहा कि सृष्टि निर्माण के पंच तत्त्वों में संतुलन बनाए रखना जरूरी है। हमें धन- संपत्ति से ज्यादा प्रकृति- सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने स्वयंसेवकों से अपील की कि वे शिविर के दौरान आपसी समन्वय एवं एकता रखते हुए समाजसेवा करें। डॉ सोनी ने छात्रों को 15 से 29 वर्ष के बीच के पढ़ाई नहीं करने वाले तथा अर्थोपार्जन नहीं करने वाले युवाओं के सर्वेक्षण का प्रशिक्षण भी दिया।
अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन करते हुए एनएसएस पदाधिकारी डा सुनीता कुमारी ने बताया कि यह शिविर 26 अप्रैल से 2 मई, 2023 के बीच एनएसएस इकाई द्वारा गोद लिए गए मोहल्ले गंगासागर, वार्ड नंबर 17, दरभंगा में आयोजित की जा रही है, जिसमें 50 छात्र- छात्राएं भाग ले रहे हैं।
वहीं धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कॉलेज के बर्सर एवं पूर्व एनएसएस पदाधिकारी डा अवधेश प्रसाद यादव ने कहा कि एनएसएस शिविर कॉलेज द्वारा अधिगृहीत दलित, पिछड़े एवं गरीब मोहल्ले गंगासागर में लगाकर समाज को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का काम किया है। उन्होंने एनएसएस द्वारा पूर्व में किए गए बेहतरीन कार्यों की जानकारी नए स्वयंसेवकों को दी।
उद्घाटन सत्र में डा रतन झा, डा सुरेन्द्र कुमार गुप्ता, डा नंद किशोर झा, डा अरविंद झा, डा सोनू राम शंकर, डा अमित कुमार सिंह, डा विकास सिंह, डा सुभाष कुमार सुमन, डा शकील, डा संजय कुमार, डा गजेंद्र भारद्वाज, डा अभय पाठक, डा श्यामानंद चौधरी, डा शाहिद इकबाल, डा फारूक आजम, डा अनिता राय, डा पूजा यादव, डा निशा, डा निशा, डा कृष्णा, डा निर्मल कुमार, डा नीरज तिवारी, डा रवि राम, डा हेमंत कुमार ठाकुर, डा अरविंद यादव, डा अनिल कुमार, डा रामानेक यादव, डा एस के झा, डा एस आर शंकर, डा एम एच खान, मंजीत कुमार चौधरी, अभिषेक, अनीश, समरेश, सरोज, लक्ष्य, अनुकृति, शिल्पी, शान्या, सीमा, रेखा, नितेश, आलोक, अंकित तथा आशीष रंजन सहित 70 से अधिक व्यक्ति उपस्थित थे।
कार्यक्रम का प्रारंभ युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्पांजलि से हुआ, जबकि अतिथियों का स्वागत मोमेंटो प्रदान कर किया गया। स्वयंसेविका शिल्पी, अनुकृति, राखी एवं श्वेता कुमारी द्वारा एनएसएस का लक्ष्यगान प्रस्तुत किया गया।