#MNN@24X7 दरभंगा। मिथिला इतिहास संस्थान का चतुर्थ राष्ट्रीय सम्मेलन आगामी 4-5 फरबरी 2023 को डा. नागेन्द्र झा महिला महाविद्यालय, लहेरियासराय में होगा, जिसमें भारी संख्या में राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिप्राप्त पेशेवर इतिहासकारों, इतिहास के शिक्षकों एवं युवा गवेषकों का समागम होगा.

आज 15 अक्टूबर को ल. ना. मिथिला के इतिहास विभाग में प्रो. रत्नेश्वर मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित मिथिला इतिहास संस्थान की कार्यकारिणी समिति की विस्तारित बैठक में उक्त निर्णय के साथ मिथिला इतिहास संस्थान के चतुर्थ राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन की रूपरेखा एवं कार्यक्रम विमर्शोपरान्त तय किए गए.

सचिव प्रो. धर्मेन्द्र कुमर के अनुसार सम्मेलन में इतिहास के शिक्षकों, युवा गवेषकों और छात्रों के द्वारा तीन प्रभागों, क्रमशः प्राचीन इतिहास, मध्यकालीन इतिहास एवं आधुनिक इतिहास में शोध आलेखों की प्रस्तुतियों के अलावे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. केशव मिश्र का डा. राधाकृष्ण चौधरी स्मृति व्याख्यान होगा.

आलेख प्रस्तुति के तीन प्रभागों की अध्यक्षता क्रमशः बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. बिन्दा डी. परांजपे और दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहासकार प्रो. अजित कुमार एवं प्रो. जे. एन. सिन्हा करेंगे. सम्मेलन में ” मिथिला में ज्ञान पद्धतियों की परम्परा ” विषय आयोजित परिसंवाद में क्रमशः प्रो. धर्मेन्द्र कुमर, रांची विश्वविद्यालय के पूर्व इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. इन्द्र कुमार चौधरी और आधुनिक मिथिला के विशेषज्ञ इतिहासकार प्रो. पंकज कुमार झा का व्याख्यान होगा.

बैठक में शामिल लोगों में इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. नैय्यर आजम, डा. कृष्ण कुमार मंडल, डा. अवनीन्द्र कुमार झा, डा. सुशांत कुमार, डा. अमिताभ कुमार, डा. मनीष कुमार, पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. प्रभास चन्द्र मिश्र, डा. ज्योति प्रभा, डा. ऋषि कुमार राय, डा. डी.एन. सिंह, डा. जमील हसन अंसारी आदि के नाम उल्लेखनीय हैं.