#MNN@24X7 ल0ना0 मिथिला विश्वविद्यालय,दरभंगा के वर्तमान कुलपति प्रो एस0 पी0 सिंह तथा कुलसचिव डाॅ मुश्ताक अहमद द्वारा करोडो रूपए का किए गए वित्तीय अनियमितता की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर मिथिला राज्य संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ राम मोहन झा के नेतृत्व में दर्जनों शिक्षकों ने दरभंगा प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय सामूहिक उपवास किया।

उपवास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ राम मोहन झा ने कहा कि शिक्षा के मंदिर विश्वविद्यालय पर भ्रष्टाचारियों का कब्जा हो गया है । भ्रष्टाचार की गंगोत्री कुलाधिपति कार्यालय तथा मुख्यमन्त्री कार्यालय से बहती है। पैसा लेकर कुलपति तथा कुलसचिव की नियुक्ति होती है। उच्च शिक्षा ध्वस्त हो चुकी है। मिथिला से लेकर मगध तक भ्रष्टाचारमय हो गया है। लेकिन कुलाधिपति महोदय एवं मुख्यमन्त्री महोदय मौन साधे हुए हैं। मिथिला विश्वविद्यालय का कलंक कथा पूरे भारत में फैल चुका है। प्रो एस0पी0 सिंह मिथिला विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, आर्यभट्ट विश्वविद्यालय, अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति के प्रभार में थे। अरबी फारसी विश्वविद्यालय में टेन्डर घोटाले में फंसे फिर भी उन्हें राजभवन से बेस्ट कुलपति का पुरस्कार मिला। यदि प्रो एसपी सिंह के कार्यकाल की जांच की जाए तो करोड़ो रूपए के घोटाले का पर्दाफाश होगा।

उन्होंने आगे कहा कि, वहीं वर्तमान कुलसचिव प्रो मुश्ताक अहमद के माथे पर आरोपों का पुलिंदा है। वर्षों से वह इन आरोपों के वाबजूद लाभ के पद पर बने हुए हैं। इन पर महाविद्यालयों से संबद्ध कुछ आपराधिक मामले लंबित हैं। एकाध मामले की निगरानी जांच भी हुए हैं। डाॅ मुश्ताक अहमद लगभग 26 वर्षों से इस विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं उनके काले कारनामों की एक लम्बी कथा है। यदि मिथिला विश्वविद्यालय में इनके कार्यकाल की जांच की जाए तो करोड़ो रूपए की वित्तीय अनियमितता उजागर होगी। वहीं विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय से करोड़ों रुपए निकालकर गबन कर लिया गया।

डाॅ झा ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा ध्वस्त हो चुका है और शिक्षा व्यवस्था में दीमक लग चुका है। इस संबंध में बिहार सरकार एवं राजभवन को कई बार ज्ञापन देकर अवगत कराया गया परन्तु उनके कानों पर जू तक नहीं रेंगी। यदि 30 जून तक इन दोनों पर कारवाई नहीं हुई तो अगस्त में राष्ट्रपति भवन पर विशाल धरना-प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।

सीनेट सदस्य डा राम सुभग चौधरी ने कहा कि यदि 15 मई तक कुलपति तथा कुलसचिव को नहीं हटाया गया तो दोनों का अर्थी जुलूस निकालकर भगाने का कार्य किया जाएगा।
उपवास कार्यक्रम में सम्मिलित प्रमुख लोगों मे उपाध्यक्ष इन्द्रभूषण झा पप्पू, डाॅ सुरेश राम, भरत यादव, योगेन्द्र यादव, मोहन कुमार यादव, मनोज यादव, मुकेश कुमार, रिद्धि कुमार सिंह, चन्द्र मोहन चौधरी, विश्वजीत कुमार सहित कई अन्य लोग शामिल थे।

उपवास कार्यक्रम के पश्चात प्रधानमंत्री के नाम से प्रेषित ज्ञापन आयुक्त महोदय को सौंपा गया।