#MNN@24X7 05 नवम्बर, मिथिला लेखक मंच के तत्वावधान में यात्री नागार्जुन की पुण्यतिथि पर डा उषा चौधरी की अध्यक्षता में मिथिला लेखक मंच दरभंगा के द्वारा अखिल भारतीय मैथिली साहित्य परिषद दरभंगा के सभागार में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर प्रो उदय शंकर मिश्र ने कहा कि मैथिली साहित्यकारों में यात्री नागार्जुन की पहचान विद्रोही रचनाकार के रुप में जाना जाता है। उन्होंने नेहरू जी जन्मदिन पर अपनी कविता में आलोचना की थी। जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में सम्पूर्ण क्रान्ति में जेल गये और जेल से निकले तो सम्पूर्ण भ्रांति कहा सम्पूर्ण क्रान्ति को। बाबा मैथिली हिंदी वंग्ला संस्कृत में रचना की है।
इस अवसर पर कमलेश झा ने कहा कि बाबा अपनी कविता में गरीबी को रेखांकित किया और सत्ता को ललकारने वाले थे।
इस अवसर पर सुनिता जी ने कविता में श्रद्धांजलि अर्पित किया। अध्यक्षीय भाषण में डा उषा चौधरी ने बाबा यात्री नागार्जुन को युग प्रवर्तक कहा। साहित्यकार संयोजक चन्द्रेश ने विषय प्रवर्तन किया और संचालन किया।
कविता के माध्यम से फुलचंद्र प्रवीण रीतु प्रज्ञा प्रतिभा स्मृति डा शम्भु कान्त झा कल्पना कुमारी उमा कुमारी मोनी कुमारी सुवेदार नन्द किशोर साहू डा टूनटून झा डा राजकिशोर झा नन्द किशोर राय सोनू सुमन प्रिंस सहनी लाडले आदि सुभाष कुमार झा आदि ने विचार यात्री नागार्जुन के व्यक्तित्व पर दिया।