#MNN@24X7 गाजीपुर, बांदा जेल में बंद मऊ के पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी को बड़ी राहत मिली है।अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट दुर्गेश की अदालत ने मुहम्मदाबाद क्षेत्र में हुए हत्या प्रयास की साजिश में आरोपित मुख्तार अंसारी दोषमुक्त कर दिया है। साल 2009 में मीर हसन ने हत्या के प्रयास करने का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमे मुख्तार पर साजिश रचने का आरोप था।
साल 2009 में मीर हसन उर्फ मीरकल्लू निवासी चकशाह मुहम्मद उर्फ मलिकपुरा ने मुहम्मदाबाद थाने में सोनू यादव के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना में मुख्तार अंसारी को साजिशकर्ता मानते हुए उनपर धारा 120बी का केस दर्ज किया था। तब अंसारी जेल में बंद था।हालांकि इस मामले में मुख्य आरोपी सोनू यादव कोर्ट से बरी हो चुका है।इस मामले में बीते छह मई को मुख्तार की ओर से मौखिक बहस की गई।जिसके बाद अदालत ने फैसला के लिए 17 मई की तिथि मुकर्रर की थी।बुधवार को फैसला सुनाते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट के जज दुर्गेश ने मुख्तार अंसारी को हत्या के प्रयास की साजिश के मामले में बरी कर दिया है।
माफिया मुख्तार अंसारी की गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराई गई।फैसला सुनने के बाद मुख़्तार ने राहत की सांस ली। बरहाल करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर के रहने वाले कपिल देव सिंह की 2009 में हत्या हुई थी।इस मामले में 2010 में गैंग चार्ट बनाया गया था।इस मामले में 20 मई को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।
एमपी-एमएलए कोर्ट दुर्गेश की अदालत ने इससे पहले गैंगस्टर के दो मामले में मुख्तार अंसारी को दस-दस साल की सजा सुना चुकी है। गैंगस्टर में पहली सजा बनारस के अवधेशराय हत्या कांड और दूसरी सजा बनारस के ही कोयला व्यवसायी व हिंदूवादी नेता नंदकिशोर रुंगटा अपहरण व हत्या कांड के गैंगस्टर में दस साल की सजा सुनाई गई थी।
(सौ स्वराज सवेरा)