#MNN@24X7 दरभंगा, 03 जून, मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संभावित बाढ़, सूखाड़ एवं अन्य आपदा के लिए राज्य स्तर एवं जिला स्तर पर की गई तैयारी की समीक्षा की गई।
   
बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन तथा सूचना एवं जन संपर्क मंत्री संजय कुमार झा, आपदा प्रबंधन मंत्री मो. शाहनवाज सहित संबंधित मंत्रीगण तथा मुख्य सचिव, बिहार आमिर सुबाहनी, पुलिस महानिदेशक आर.एस. भट्टी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार एवं सभी संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव मौजूद थे।
  
बैठक में भारतीय मौसम विभाग के राज्य स्तरीय अधिकारी आशीष कुमार ने बताया कि इस वर्ष बिहार में मानसून विलंब से जून के तीसरे सप्ताह में आने की संभावना है। जून में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है, 08 जून तक मौसम शुष्क रहेगा, 08 जून से 15 जून तक हल्की बारिश होने की संभावना है, तापमान औसतन 03 डिग्री से 04 डिग्री तक सभी जिलों में अधिक रहने की संभावना है।
 
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा पर्याप्त तैयारी की गयी है।इसके साथ ही बिहार के सभी जिलों में 4,000  स्थलों पर प्याऊ नगर निकाय के स्तर से एवं 328 प्याऊ निजी संस्थाओं के स्तर से लगवाया गया है। इसके साथ ही पंचायती राज विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के हाट-बाजार में प्याऊ लगवाये गये हैं।
 
उन्होंने कहा कि इस वर्ष गर्मी अधिक पड़ने के कारण अग्निकांड में वृद्धि हुई है, लगभग 03 हजार अग्निकांड में 9,918 गृहक्षति एवं 76 मानव जीवन क्षति हुई है। गृह क्षति के विरूद्ध 7,733 लाभुकों को मुआवजा राशि दिया जा चुका है, शेष को भी राशि भेजने की प्रक्रिया जारी है।
 
उन्होंने कहा कि सभी जिलों में पर्याप्त संख्या में पॉलिथिन शीट्स उपलब्ध है। सभी प्रण्डलीय आयुक्त के द्वारा निजी नाव के लिए भाड़ा निर्धारित कर दिया गया है। 04 हजार निजी नाव मालिकों के साथ एकरारनामा किया जा चुका है। 05 हजार 200 राहत शिविर एवं सामुदायिक रसोई के लिए 06 हजार भवन चिन्ह्ति कर उन सबों का जियोटैग कर दिया गया है। राहत शिविर में साफ-सफाई एवं शौचालय की व्यवस्था कराई गई है। एस.डी.आर.एफ. की टीम जिलों में कैम्प कर रही है। एन.डी.आर.एफ. की टीम भी 15 जून तक जिलों में पहुँच जाएगी।
 
बाढ़ आने की स्थिति में प्रभावित परिवारों को सहाय्य अनुदान उपलब्ध कराने हेतु सम्पूर्ति पोर्टल पर 91.95 लाख परिवारों का डाटा अद्यतन कर लिया गया है। इसमें 25 हजार नये परिवारों को भी जोड़ा गया है। उन्होंने सभी जिलाधिकारी को इस आंकड़ा को 15 जून तक अद्यतन कर लेने को कहा।
 
बताया गया कि 58 बाढ़ आश्रय स्थल भवन का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। 41 स्थलों पर निर्माण कार्य जारी है।
 
बाढ़ के दौरान कार्य करने हेतु प्रत्येक विभाग के लिए एस.ओ.पी. (मानक संचालन प्रक्रिया) निर्धारित है।
 
इसके उपरान्त लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव, पंचायत राज विभाग के अपर सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव, कृषि विभाग के प्रधान सचिव, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव, लघू सिंचाई विभाग के अपर मुख्य सचिव, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव, भवन निर्माण विभाग के सचिव, ऊर्जा विभाग के सचिव द्वारा अपनी-अपनी तैयारी से माननीय मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है।
 
बैठक को सम्बोधित करते हुए माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम को देखते हुए अग्निकांड की संख्या हो सकती है, इसलिए सभी जिलाधिकारी को जून के अंत तक सचेत रहने की जरूरत है। साथ ही सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों और लोगों को भी सचेत किया जाए।
 
उन्होंने कहा कि बाढ़ की तैयारी हर वर्ष की जाती है और इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया भी निर्धारित है, तद्नुसार संभावित बाढ़ से निपटने की तैयारी कर ली जाए। महाजाल, बाढ़ राहत शिविर, सामुदायिक रसोई, तटबंधों की सुरक्षा पुख्ता कर ली जाए।
 
उन्होंने का कि बाढ़ प्रभावित जिले एन.डी.आर.एफ और एस.डी.आर.एफ. के आवासन की व्यवस्था कर लें। नाविका का भुगतान लंबित न रहें। इसके साथ ही कोई भी भुगतान लंबित न रखा जाए।
 
उन्होंने सभी जिलाधिकारी को अपने-अपने क्षेत्र का भ्रमण कर स्थानीय लोगों से फीडबैक लेकर सारी व्यवस्था दुरूस्त कर लेने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अन्तर्गत कार्य इसलिए किया गया है, ताकि जल स्तर बना रहें।
 
उन्होंने कहा कि दरभंगा जैसे बाढ़ प्रभावित जिले में जब जल संकट आया, तब ही इस अभियान की शुरूआत की गई।
 
उन्होंने कहा कि जिलों में बड़े-बड़े भवनों/संरचना का निर्माण किया जा रहा है, जिलाधिकारी उनसे छत वर्षा जल संचयन बनवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि नेपाल में वर्षा होती है, तो उसका असर उत्तर बिहार पर भी पड़ता है। छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने एवं उनकी गाद सफाई करने की जरूरत है। इस वर्ष बाढ़ और सुखाड़ दोनों की संभावना है, क्योंकि गर्मी ज्यादा पड़ रही है, इसलिए सभी विभाग सचेत रहें। जिलाधिकारी प्रखण्ड स्तर तक के अधिकारी और कर्मी को सचेत रखें, क्षेत्र भ्रमण करते रहें।
 
उन्होंने कहा कि भौतिक रूप से पहले की तरह काम करना जारी रखे। पोर्टल के साथ-साथ भौतिक रूप से भी फीडबैक प्राप्त करें। साथ ही जिलाधिकारी पूर्व में आयी बाढ़ और सुखाड़ की घटनाओं के आधार पर उन स्थलों पर तैयारी रखें।
 
इसके उपरान्त सभी जिलाधिकारी से उनके जिले में की गई तैयारी के संबंध में फीडबैक लिया गया।
  
दरभंगा एन.आई.सी. से जिलाधिकारी राजीव रौशन ने कहा कि दरभंगा जिला में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार सारी तैयारी की गई है। निर्देशानुसार चिन्ह्ति स्थलों एवं प्रखण्डों का भ्रमण कर फीडबैक लिया जाएगा।
 
दरभंगा एन.आई.सी. से आयुक्त, दरभंगा प्रमण्डल, दरभंगा मनीष कुमार, सहायक समाहर्त्ता सूर्य प्रताप सिंह, अपर समाहर्त्ता-सह-अपर जिला दण्डाधिकारी राजेश झा ‘‘राजा’’, आयुक्त के प्रभारी सचिव अनिल कुमार, वरीय प्रभारी पदाधिकारी (राजस्व) राजेश कुमार, सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार, उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, जिला परिवहन पदाधिकारी राजेश कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी सत्यम सहाय एवं अन्य संबंधित पदाधिकारीगण उपस्थित थे।