भव्य व ऐतिहासिक रूप से मनाई गई ‘जानकी महोत्सव’।
दरभंगा व दिल्ली में हुआ ‘जानकी स्मारिका’ का लोकार्पण।
#MNN@24X7 दरभंगा प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए विद्या भूषण राय ने बताया कि : कि 29 अप्रैल को जनकपुर की राजदुलारी , मिथिला की बेटी जगत जननी जगदंब जानकी का प्राकाट्य उत्सव था। जिस अवसर पर मिथिला स्टूडेंट यूनियन द्वारा वृहत स्तर पर जानकी महोत्सव का आयोजन किया गया। जो दरभंगा मधुबनी पूर्णिया सहरसा नोएडा दिल्ली चंडीगढ़ गुजरात समेत मैथिल बाहुल्य सभी जगह भव्य रूप से जानकी का प्राकाट्य उत्सव अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जगह जगह इस अवसर पर हजारों की संख्या में दीप प्रज्ज्वलित करके भी मनाया गया। वही संपादक प्रियंका मिश्रा के संपादन में जानकी स्मारिका का भी लोकार्पण विभिन्न जगह किया गया।
वही MSU के सेनानियों ने बताया कि : MSU का यह प्रयास है कि मिथिला के घर-घर मे जानकी की पूजा हो, जानकी प्राकाट्य उत्सव मनाई जाए। 5 वर्षों के भीतर मैथिल जनमानस में जानकी-नवमी एक उत्सव का रूप ले लेगा। जैसे गणेशचतुर्थी मुंबई का सांस्कृतिक सिंबल बन चुका है, वैसे ही आने वाले वक्त में जानकी-नवमी भी मिथिला का सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व करेगा और मिथिला के पुनर्जागरण का वाहक बनेगा।
ज्ञात हो कि दरभंगा के हराही पोखर पर जानकी की पूजा हवन, स्मारिका विमोचन शिवेंद्र वत्स के नेतृत्व में किया गया। वहीं श्यामा माई परिसर में उदय नारायण झा के नेतृत्व में 11 हजार दीप प्रज्ज्वलन सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। वर्तमान की सरकार जहाँ राम के नाम पर राजनीति करती है वही सीता को उपेक्षित करके रखी हुई है। उनकी चेस्टा में सीता व सीता का जन्मस्थली नही है। जानकी नवमी के दिन राष्ट्रीय अवकाश होना चाहिए। राम के बिना मर्यादा पुरुषोत्तम ने अपने आप को अधूरा माना है। परंतु यह सरकार मिथिला विरोधी है।
उन्होंने कहा कि यह सरकार मिथिला की भाषा, सांस्कृतिक पहचान सभको खंडित कर दिया है। भाषाई गरिमा एवं पहचान को धूमिल करने का प्रयास कर रही है। इस जानकी प्राकाट्य उत्सव के सफल आयोजन की तैयारी में अविनाश भारद्वाज, राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य मोहन, गोपाल चौधरी, अनुप मैथिल समेत वरीय सदस्यों ने सफल आयोजन हेतु स्तरीय प्रयास किया।