विश्वम्भर फाउंडेशन के द्वारा “आधुनिक भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका” विषय पर सेमिनार आयोजित।

सेमिनार में प्रो डीपी गुप्ता, राजेश, बालेन्दू, नवीन, डॉ चौरसिया, ज्ञान रंजन, मृत्युंजय आदि ने रखे अपने विचार।

भाषण प्रतियोगिता में अंग्रेजी की छात्रा पद्मा श्री ने प्रथम तथा रसायन के छात्र आलोक रंजन ने पाया द्वितीय स्थान।

#MNN@24X7 दरभंगा भारत भूमि हमारी मां है, जिनके प्रति हमारा गहरा लगाव एवं आदर स्वाभाविक रूप से रहा है। भारत देश को विकसित बनाने के लिए सभी लोगों का विकसित होना अनिवार्य है। समृद्धि के लिए देश को नशा मुक्त होना भी जरूरी है। योगाभ्यास से नशा से मुक्ति मिलना संभव है। नशा छोड़ना एक बड़ा पराक्रम जैसा है। उक्त बातें विश्वंभर फाउंडेशन, दरभंगा के द्वारा मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग में “आधुनिक भारत के निर्माण युवाओं की भूमिका” विषय पर आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली से आए माय होम इंडिया के संस्थापक तथा बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने कही। उन्होंने कहा कि मिथिला से मेरा अति लगाव रहा है और मुझे जब भी मौका मिलता है, मैं यहां आने का प्रयास करता हूं। विशेष रूप से यहां के पाग, दुपटा, पेंटिंग्स, मैथिली भाषा एवं स्वादिष्ट भोजन सबको आकर्षित करते हैं। हमारी परंपरा में पुरुषों से पहले स्त्रियों के नाम लिए जाते हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त किया कि सेमिनार बेटियों की संख्या काफी अधिक है।
भाजपा युवा मोर्चा के दरभंगा जिलाध्यक्ष बालेंदु झा ने कहा कि हमें अपने अंदर की युवाशक्ति को जगाना होगा। कुशल एवं समर्पित युवाओं से भारत विकसित होगा। आरएसएस के राजेश झा ने कहा कि भारत में चालू 25 वर्षों के अमृतकाल में राष्ट्रीयता की भावना तीव्र गति से बढ़ रही है। युवाओं द्वारा ही भारत परम वैभव को प्राप्त करेगा। रंगनाथ ठाकुर ने सेमिनार के विषय को अति महत्वपूर्ण बताते हुए युवाओं के योगदान को रेखांकित किया।

अपने संबोधन में संस्कृत- प्राध्यापक डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि युवा किसी भी राष्ट्र की रीढ़ एवं कर्णधार होते हैं, जिनपर उसकी दिशा एवं दशा निर्भर करती है। हमारे देश में सर्वाधिक युवाओं की संख्या है, इसलिए भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। युवाओं के बल पर ही भारत सशक्त, समृद्ध एवं खुशहाल राष्ट्र बनने जा रहा है। भारत के विकसित होने पर ही विश्व का भी कल्याण होगा, क्योंकि भारत मानव ही नहीं, मानवता की भूमि है।
अतिथियों का स्वागत करते हुए वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रो डीपी गुप्ता ने कहा कि भारत को विकसित बनाने में युवाओं के साथ ही हम सब लोगों का योगदान महत्वपूर्ण है। यदि युवा अपना बेस्ट योगदान करें तो भारत जल्द ही विकसित देश बन सकता है।
इस अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय अंग्रेजी विभाग की छात्रा पद्मा श्री ने प्रथम तथा विश्वविद्यालय रसायनशास्त्र विभाग के छात्र आलोक रंजन ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया, जिन्हें अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र, मेडल तथा स्मृतिचिह्ण प्रदान कर सम्मानित किया गया, वहीं 130 से अधिक सहभागियों को भी प्रमाण पत्र दिया गया। इस अवसर पर विश्वम्भर फाउंडेशन के सचिव नवीन कुमार झा, मृत्युंजय झा, वाल्मीकि कुमार, मो साहिल, जिग्नेश कुमार तथा पंकज साह आदि में भी अपने विचार रखें। अतिथियों का स्वागत पाग एवं चादर से किया गया। कार्यक्रम के संयोजक ज्ञान रंजन चौधरी के संचालन में आयोजित सेमिनार में धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक सुधांशु शेखर ने किया।