पटना: केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का राज्यसभा का टिकट काटने के बाद अब उनका पटना स्थित सरकारी आवास भी खाली करा दिया गया है. राज्यसभा टिकट कटने के बाद आरसीपी सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के समर्थक भी आपस में बंट गए हैं. राज्यसभा टिकट कटने के बाद अब आरसीपी सिंह का केन्द्र में मंत्री पद भी जाना तय है. आरसीपी सिंह के कई समर्थक सोशल मीडिया पर कटाक्ष कर रहे हैं. जिसको लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए पत्र जारी कर कड़ी हिदायत दी है.
उमेश कुशवाहा ने पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए पत्र जारी करते हुए लिखा है कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर पार्टी की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं, उनसे पूरी सख्ती से निपटा जाएगा. पार्टी में रहते हुए अमर्यादित बयान देने वाले या पोस्ट करने वाले कतई पार्टी के हितैषी नहीं हो सकते. उन्होंने लिखा है कि जदयू एक संस्कारित पार्टी है जो लोहिया, जयप्रकाश और कर्पूरी की विचारधारा को मानती है. पार्टी के सर्वमान्य नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू एक संगठित पार्टी है. इसकी एक अलग पहचान है और हम सभी उन्हीं की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं.
उमेश कुशवाहा ने आगे लिखा है कि सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर पार्टी विरोधी वक्तव्य देने या पार्टी विरोधी टिप्पणी करने वालों के प्रति पार्टी पूरी सख्ती बरतेगी. वैसे लोगों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा है कि पार्टी में रहते हुए पार्टी की छवि या पार्टी नेतृत्व के विरुद्ध टिप्पणी करना बिलकुल गलत है. पार्टी इसे कभी भी स्वीकार नहीं कर सकती.
दरअसल आरसीपी सिंह के समर्थक मांग कर रहे हैं कि केंद्रीय मंत्री को त्वरित राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए. कार्यकर्ता आरसीपी सिंह से मुलाकात कर टिप्पणी के साथ फोटो ही पोस्ट कर रहे हैं. और पार्टी नेतृत्व पर घुमा-फिरा कर सवाल उठाया जा रहा है. जबकि इस समय जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह हैं. ऐसे में दोनों नेताओं के समर्थक आपस में बंट गए हैं. पार्टी में आंतरिक विवाद को देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने पत्र जारी कर ऐसे कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी है. जो पार्टी नेतृत्व का फैसला स्वीकार नहीं रहे या पार्टी के किसी भी तरह के फैसलों पर सवाल उठा रहे हैं. उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी