लनामिवि दरभंगा:- कभी नेट में सफलता का नम्बर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में नगण्य था लेकिन अब इस विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं व शोधार्थियों ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि नेट में सफलता के लिये जेएनयू, डीयू, बीएचयू या किसी और विश्वविद्यालय में ही पढ़ाई करनी पड़ती है। इस बार ज्यादातर नेट-जेआरएफ सफल शोधार्थियों व छात्र-छात्राओं की पारिवारिक पृष्ठभूमि मध्यम वर्गीय या अभावग्रस्त है जिन्होंने इस चीज का भी मिथक तोड़ दिया है कि संसाधनों के अभाव में नेट में सफलता नहीं प्राप्त की जा सकती है। ये ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के यशस्वी कुलपति प्रो० सुरेंद्र प्रताप सिंह, ओजस्वी प्रति कुलपति प्रो० डॉली सिन्हा व तेजस्वी कुलसचिव प्रो० मुश्ताक अहमद के सफल व कुशल नेतृत्व का ही नतीजा है कि नेट-जेआरएफ का मिथिला विश्वविद्यालय का इस साल का रिजल्ट ने पिछले सारे रेकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है और शैक्षणिक क्षेत्र में नित्य नये-नये कीर्तिमान रच रहा है। दिन-प्रतिदिन विश्वविद्यालय कैंपस में पठन-पाठन का माहौल बेहतर हो रहा है। कोरोनाकाल में भी ऑनलाइन क्लासेस लगातार जारी रहा। सभी संकायाध्यक्षों का मॉनिटरिंग, विभागाध्यक्षों का मार्गदर्शन, वरिष्ठ शिक्षकों का अनुभव व बीपीएससी 2014 बैच जो युवा जोश से लबरेज हैं। इन *वरिष्ठ व कनिष्ठ शिक्षकों* के सामूहिक प्रयास व अथक शैक्षणिक मेहनत का ही नतीजा है कि आज विभिन्न विषयों में दर्जनों छात्र-छात्राओं व शोधार्थियों ने एनटीए नेट परीक्षा के लिये जेआरएफ व नेट में बाजी मारी है। शैक्षणिक माहौल को देखते हुए यह तो तय है कि आनेवाले सालों में मिथिला विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं व शोधार्थियों के रिजल्ट का ग्राफ और बेहतर होगा।

सामाजिक विज्ञान संकाय के *अर्थशास्त्र विभाग* के रितेश शाह व दिवाकर कुमार ने जेआरएफ में जबकि *राम कृष्ण महाविद्यालय मधुबनी* के नितीश कुमार मुखिया ने नेट में, *राजनीतिशास्त्र विभाग* के 2017-19 बैच की गोल्डमेडलिस्ट सह शोधार्थी साक्षी कुमारी, प्रतिमा किशोर, अमृतेश कुमार भारद्वाज व जितेंद्र कुमार ने नेट में, *समाजशास्त्र विषय* के महारानी लक्ष्मेश्वरी महिला महाविद्यालय दरभंगा से स्नातक व लनामिवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय से स्नातकोत्तर की छात्रा रही अर्चना राय ने नेट में, *मनोविज्ञान विभाग* के शोधार्थी सविता कुमारी व पीजी चतुर्थ सेमेस्टर का छात्र मनीष कुमार ने नेट में, *गृहविज्ञान विभाग* के शोधार्थी अदिति कुमारी व शोधार्थी माला सिन्हा ने जेआरएफ में जबकि शोधार्थी डॉली कुमारी, शोधार्थी अर्चना कुमारी व शोधार्थी नेहा रानी ने नेट में, *भूगोल विभाग* के राज किशोर यादव, सरस्वती झा व नंदन सत्यम ने नेट में, *इतिहास विभाग* के शोधार्थी पूजा कुमारी(गोल्डमेडलिस्ट छात्रा, पटना विश्वविद्यालय), शोधार्थी सुनील कुमार व शिक्षक सह शोधार्थी सुनील कुमार सिंह तीनों ने जेआरएफ में, *प्राचीन भारतीय इतिहास पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग* के शोधार्थी गिरींद्र मोहन ठाकुर ने जेआरएफ में, *मानविकी संकाय* के *हिंदी विभाग* के 2016-18 बैच के गोल्डमेडलिस्ट सह शोधार्थी सियाराम मुखिया व सरिता कुमारी ने जेआरएफ में जबकि खुशबू कुमारी व दुर्गानंद ठाकुर ने नेट में, *उर्दू विभाग* में नूरएन बेगम ने जेआरएफ में जबकि मो० रिजवान व अरबाज अहमद ने नेट में, *इंग्लिश विभाग* के शोधार्थी गुड़िया कुमारी, ज्योति कुमारी, अनुपमा कुमारी, बालकृष्ण प्रसाद व कौशिकी कुमारी ने नेट में, *मैथिली विभाग* के राजनाथ पंडित, मनोज कुमार पंडित, सुमित कुमार झा व पवन कुमार ने नेट में, *संस्कृत विभाग* के रितु कुमारी व आशुतोष चौधरी ने नेट में, *संगीत विभाग* के स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर का छात्र अंशु पाठक ने जेआरएफ में जबकि शोधार्थी पूजा कुमारी व राजन कुमार मिश्रा ने नेट में, *दर्शनशास्त्र विभाग* के शोधार्थी धीरेश कांत झा ने नेट में, *शिक्षा संकाय के शिक्षाशास्त्र विभाग* के शोधार्थी राजेश कुमार चौधरी, शोधार्थी गीतांजली पांडेय व शोधार्थी कुंती कुमारी ने जेआरएफ में जबकि स्वेता कुमारी ने नेट में, *वाणिज्य संकाय के वाणिज्य विभाग* के विजय कुमार झा व कंचन कुमार ने नेट में, जबकि *विज्ञान संकाय* के *रसायन विभाग* के फिलजा तब्बसुम ने नेट में व *जंतु विज्ञान विभाग* के अमन कुमार ने नेट में सफलता दर्ज की है।
यह संकलन *अर्थशास्त्र विषय* के *डॉ० चंदन ठाकुर, प्रधान संपादक(ARR न्यूज)* के द्वारा *विश्वविद्यालय के सभी विभाग से संकलित जानकारी, महाविद्यालय से प्राप्त जानकारी, शोधार्थी व छात्र-छात्रा से प्रत्यक्ष रूप से मिली जानकारी* के आधार पर *प्राथमिक सर्वेक्षण आंकड़ा* के द्वारा तैयार रिपोर्ट है।