#MNN@24X7 दरभंगा, कल नेपाल की राजधानी काठमांडू में तीसरे दिन वर्ल्ड सोशल फोरम के मंच पर मधेशी दलित गैर सरकारी संस्था महासंघ के द्वारा आज बाल विवाह, महिला हिंसा, जातीय विभेद, छुआछूत को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता मधेशी दलित गैर सरकारी संस्था महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र पासवान के द्वारा किया गया। वहीं आज के मंच का संचालन वर्ल्ड सोशल फोरम की सदस्या सुनीता साह के द्वारा किया गया। वहीं भारत के तरफ से प्रतिधिनित्व कर रहे ऑल इंडिया पासवान एकता मंच की राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता गुरु जी ने अपने संबोधन में कहा किसी लड़की या लड़के की शादी 18 साल की उम्र से पहले होना बाल विवाह कहलाता है।

उन्होंने कहा कि बाल विवाह में औपचारिक विवाह तथा अनौपचारिक संबंध भी आते हैं, जहां 18 साल से कम उम्र के बच्‍चे शादीशुदा जोड़े की तरह रहते हैं। बाल विवाह, बचपन खत्‍म कर देता है। बाल विवाह बच्‍चों की शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और संरक्षण पर नकारात्‍मक प्रभाव डालता है। वहीं आगे गुरु जी ने कहा जब समाज का कोई समुदाय दूसरे समुदाय से काम, जाति, परंपरा के आधार पर अलग व्यवहार करता है और उस समुदाय को सामूहिक रूप से अछूत मानकर सार्वजनिक स्थलों में प्रवेश से वर्जित करता है, तो इसे ही छुआछूत कहते हैं। वहीं महिला हिंसा आज महिलाओं पर हो रहे अत्याचार का मुख्य कारण उसकी आर्थिक पराधीनता रही है, उसे घर की चारदीवारी में शिक्षा, विचार, व्यवहार, भ्रमण और रूचियों से काटकर पारिवारिक जनों के सेवार्थ बन्दी बना कर रखा गया है।