ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा राजकिशोर झा के निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने सोमवार को शोक जताया। संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने अपने संदेश में उन्हें मिलनसार स्वभाव वाला मिथिला-मैथिली के विकास का शिक्षाविद् हितैषी बताया।
उन्होंने कहा कि लनामिवि के कुलपति के रूप में अपनी उपलब्धि पूर्ण सेवा दे चुके डा राजकिशोर झा बहुगुण संपन्न व्यक्तित्व थे। वे उत्कृष्ट अर्थशास्त्री होने के साथ साथ लोकप्रिय शिक्षक थे। वे अपने कृतित्व एवं व्यक्तित्व के लिए वे आम मिथिलावासी के दिलो-दिमाग में हमेशा जीवंत बने रहेंगे।
मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने उन्हें मिथिला-मैथिली के विकास के लिए सतत चिंतनशील रहने वाला हितचिंतक बताया।
डा बुचरू पासवान ने उन्हें युगद्रष्टा व त्यागी पुरुष बताते हुए कहा कि मिथिला में शैक्षणिक विकास उनके जीवन का एकमात्र मकसद था। प्रो जीवकांत मिश्र ने उन्हें मिथिला- मैथिली का हितचिंतक बताते हुए मिथिला के शैक्षणिक विकास में उनकी भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा ने कहा कि अर्थशास्त्र विषय के छात्रों व शोधार्थियों के शैक्षणिक विकास में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले राजकिशोर झा ने मिथिला की शैक्षणिक गुणवत्ता को आजीवन जीवंत बनाये रखा।
मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि मिथिला की अर्थव्यवस्था के विकास को लेकर वैचारिक क्रांति लाने वाले अर्थशास्त्री के रूप में वे सदैव याद किए जाएंगे। डॉ महेंद्र नारायण राम ने उन्हें संवेदनशील शिक्षक बताया। संवेदना व्यक्त करने वाले अन्य लोगों में महात्मा गाँधी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन हीरा कुमार झा, हरिश्चंद्र हरित, डॉ गणेश कांत झा, विनोद कुमार झा, प्रो विजयकांत झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढा भाई, डॉ उदय कांत मिश्र, डॉ महानंद ठाकुर, विद्यापति टाइम्स के विनोद कुमार, दुर्गानंद झा, आशीष चौधरी, नवल किशोर झा आदि शामिल रहे।