मैथिली साहित्य के प्रसिद्ध समालोचक थे: प्रो० रमानाथ झा।
#MNN@24X7 दरभंगा, लनामिवि के विश्वविद्यालय मैथिली विभाग में प्रो० रमानाथ झा के 117 वीं जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का अध्यक्षता करते हुए प्रभारी विभागाध्यक्षा डाॅ० सुनीता कुमारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रो० रमानाथ झा मैथिली साहित्य के लब्धप्रतिष्ठ हंसवृत्ति आलोचक थे। इनकी चर्चित एवं प्रशंसित रचनाओं में प्रबंध संग्रह, निबंध माला, विद्यापति (विनिबंध), मैथिली साहित्य-पत्र(पत्रिका) आदि प्रमुख है।
इस अवसर पर विभागीय शिक्षक डाॅ० सुरेश पासवान ने प्रो० झा के जीवन और साहित्य पर वृहद् चर्चा करते हुए कहा कि बहुभाषाविद् प्रो० झा अपने लेखन-क्षमता, आलोचना, सम्पादन, भूमिका-लेखन आदि के कारण अमरत्त्व को प्राप्त कर लिए हैं। प्रो० झा अपने विद्वता के बल पर शिक्षक से प्राध्यापक तक का सफर तय किया।
साथ ही विभागीय वरीय प्राध्यापक प्रो० अशोक कुमार मेहता ने प्रो० झा के साहित्यिक उपलब्धि पर प्रकाश देते हुए कहा कि साहित्य-लेखन के दृष्टि में प्रो० झा के जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण कालखंड उनके द्वारा राज पुस्तकालय के अध्यक्ष के रूप में रहा। जिस अवधि में उन्होंने अपने अथक परिश्रम और अध्ययन के माध्यम से साहित्यिक उत्त्कृष्टता को प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त विभिन्न शोधार्थियों ने भी अपने-अपने विचार रखें।
कार्यक्रम में विभागीय शिक्षक, शोधार्थी, शिक्षकेत्तर-कर्मी के अतिरिक्त स्नातकोत्तर के छात्र- छात्रा उपस्थित थे। प्रमोद कुमार पासवान द्वारा कार्यक्रम का कुशल संचालन एवं कार्यक्रम के अंत में राजनाथ पंडित ने धन्यवाद ज्ञापित किया।