पर्यावरण दिवस पर लोगों को पौधा लगाने के लिए किया प्रेरित।

वातावरण में तब्दीली की बड़ी वजह पेड़-पौधों की तेजी से कटाई।

#MNN@24X7 मधुबनी/5 जून, सदर अस्पताल में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के द्वारा पौधरोपण किया गया। जिसमें एसीएमओ के अलावा दूसरे अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा फलदार तथा छायादार पौधे लगाए गए। साथ ही, वृक्ष न काटने एवं पर्यावरण को संरक्षित कर संतुलित रखने की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर एसीएमओ डॉ. आर.के. सिंह ने बताया प्रकृति के प्रति सकारात्मक रवैये को लेकर सभी को ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने एवं वातावरण के लिए पॉलीथिन के प्रयोग न करने के लिए जागरूक किया गया। पौधा रोपण करते हुए कहा कि एक पेड़ अपने पूरे जीवनकाल मे हर तरह से मनुष्य के काम आता है। भोजन प्रदान करने, घर बनाने को लकड़ी देने से लेकर सांस लेने के लिए जीवनदायिनी ऑक्सीजन भी देता है। उन्होंने लोगों को पर्यावरण सरंक्षण के लिए पौधरोपण करने की अपील की।

पर्यावरण दिवस पर लोगों को पौधा लगाने के लिए किया प्रेरित:

अस्पताल अधीक्षक डॉ राजीव रंजन ने पर्यावरण संरक्षण संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां लोगों को दी एवं लोगों को आगे बढ़ कर चारों और पेड़-पौधे लगाने को प्रेरित किया डॉ रंजन ने पर्यावरण का सबसे बड़ा दुश्मन, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को बता कर खेद व्यक्त किया एवं सभी लोगों से पेड़ लगाने की अपील की। वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिए सजग होने की अपील की। सामूहिक रूप से पौधा रोपण कर लोगों को पर्यावरण के प्रति जिम्मेवारी निभाने को कहा।

वातावरण में तब्दीली की बड़ी वजह पेड़-पौधों की तेजी से कटाई :

जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज मिश्रा ने बताया पर्यावरण की सुरक्षा लोगों को मिलजुल कर करनी चाहिए क्योंकि यह जीवन से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण एवं अमूल्य कड़ी है। जिसके बिना इस धरती पर लोगों का कोई भी वजूद नहीं हो सकता और जिसे बहुत ही तेजी से समाप्त कर रहे हैं जिसका खामियाजा आने वाले दिनों में सबों के लिए भुगतना तय है। आये दिन वातावरण में तब्दीली की सबसे बड़ी वजह पेड़-पौधों की तेजी से कटाई है जिसके कारण आए दिन हर जगह सूखा, वायु प्रदूषण जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

इस दौरान मौके पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज मिश्रा, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद, आईडीएसपी एपिडेमियोलॉजिस्ट अनिल चक्रवर्ती, डीसीक्यूए डॉ. कमलेश शर्मा सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे।