शिक्षकों पर कार्रवाई को बताया अलोकतांत्रिक
#MNN@24X7 दरभंगा 27 जुलाई, शिक्षा विभाग के द्वारा शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों को चिन्हित करके हो रही कार्रवाई पर छात्र संगठनो आक्रोश व्यक्त करते हुए इसे तानाशाही और अलोकतांत्रिक करार दिया है। आल इंडिया स्टूडेंट एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष प्रिंस राज व जिला सचिव मयंक कुमार यादव ने बताया की बिहार में संसाधन विहीन विद्यालयों में शिक्षक निरंतर अपना कार्य कर रहे है। विद्यालयों में बेंच डेस्क, भवन, खेल का मैदान, आईसीटी उपकरण, शौचालय पेयजल आदि की व्यवस्था करने में विभाग अक्षम रहा है तथा वह अपनी नाकामयाबी को छिपाने के लिए शिक्षकों पर कर्रवाई कर रहा है। भारत का संविधान सभी नागरिकों, कर्मियों को अधिकार देता है की वह अपने मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण रूप से धरना प्रदर्शन करे ऐसे में शिक्षकों को चिन्हित करके की जा रही करवाई को किसी भी स्तर से सही नही कहा जा सकता है।
वही छात्र नेता ने विभागीय जांच पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए कहा की यह कितनी बड़ी विडंबना है की कनीय कर्मी शिक्षकों की जांच कर रहा है। जो टोला सेवक, तालिमी मरकज शिक्षकों के अधीनस्थ कार्य करता है उससे विद्यालयों की जांच का मतलब तो यही है की शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारी अपने कार्य में असफल हो गए है तथा अपनी असफलता को छिपाने के लिए विभाग शिक्षकों को जलील करने की साजिश रच रहा हैं। ऐसे किसी भी षडयंत्र का बिहार के छात्र नौजवान और जिनका वास्ता सरकारी विद्यालयों से रहा है वे कभी स्वीकार नही करेंगे। अतः हमारी मांग है की अविलंब शिक्षक नेताओं से बातचीत कर उनके मांगो को पूरा किया जाए एवं कनीय अथवा संविदा कर्मियों से विद्यालयों की जांच पर रोक लगाई जाए।