•11 नवंबर को आयोजित किया जायेगा मॉप अप दिवस
•कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार ने पत्र जारी कर दिए निर्देश
•राज्य के 32 जिलों में मनाया जायेगा कृमि मुक्ति दिवस
समस्तीपुर, 15 अक्टूबर । जिले के बच्चों एवं किशोरों को 7 नवंबर को अल्बेंडाजोल की खुराक खिलाई जायेगी. जिले के 1-19 वर्ष के बच्चों को कृमि से बचाने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अंतर्गत दवा खिलाई जायेगी. इस बाबत कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार संजय कुमार सिंह ने जिला पदाधिकारी को पत्र जारी कर आवश्यक निर्देश जारी किये हैं.
11 नवंबर को आयोजित किया जायेगा मॉप अप दिवस:
जारी पत्र में बताया गया है कि 7 नवंबर को अभियान के दौरान छूटे हुए बच्चों एवं किशोरों को 11 नवंबर को मॉप अप दिवस का आयोजन कर उन्हें भी दवा खिलाई जाएगी. अभियान के दौरान बच्चों एवं किशोरों को तथा उनके अभिभावकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा. अभियान के तहत जिले के सरकारी एवं निजी विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी.
प्रचार प्रसार के माध्यम से लोगों को किया जायेगा जागरूक:
अभियान की सफलता को लेकर सभी सरकारी विद्यालयों एवं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पोस्टर, बैनर, पंपलेट और माइकिंग आदि के माध्यम से प्रचार प्रसार कराया जाएगा. जिससे कोई भी बच्चा यह दवाई खाने से छूट ना पाए. राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को उम्र के अनुसार खुराक दी जायेगी और इसे लेकर व्यापक तैयारी की जा रही है. अभियान को लेकर माइक्रोप्लान तैयार किया जाएगा और उसी के हिसाब से बच्चों को अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी.
राज्य के 32 जिलों में मनाया जायेगा कृमि मुक्ति दिवस:
जारी पत्र में बताया गया है कि राज्य के 32 चयनित जिलों में 1 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जायेगी. 11 नवंबर को मॉप अप दिवस आयोजित किया जायेगा. ये जिले हैं कैमूर, अररिया, अरवल, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, पूर्वी चंपारण, गया, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, कटिहार, किशनगंज, खगड़िया, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पटना, पुर्णिया, सहरसा, सारण, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सिवान, सुपौल,वैशाली एवं पश्चिमी चंपारण.
माइक्रोप्लान एवं लक्षित बच्चों की संख्या जल्दी होगी तय:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विशाल कुमार ने बताया कि जल्दी ही कृमि मुक्ति दिवस पर दवा खिलाये जाने वाले बच्चों की संख्या निर्धारित कर ली जाएगी. साथ ही कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए माइक्रोप्लान भी ससमय तैयार कर लिया जायेगा.
दवा के होते हैं मामूली साइड इफ़ेक्ट:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि दवा के सेवन के उपरांत कुछ बच्चों में उल्टी या मिचली महसूस होती है तो घबराने की जरूरत नहीं . पेट में कीड़े होने पर दवा खाने के बाद सिरदर्द, उल्टी, मिचली, थकान होना या चक्कर आना महसूस होना एक सामान्य प्रक्रिया है जो थोड़ी देर में ठीक हो जाती है.