*महाविद्यालय की छात्राओं के लिए “मिशन मर्दानी प्रशिक्षण” का होगा शीघ्र आयोजन- डा फुलो*

*शिक्षा और आर्थिक सहित सभी क्षेत्रों में नारी को बराबरी का दर्जा मिलने से होगा समाज विकसित- प्रो मंजू*

*प्रधानाचार्य डॉ फूलो पासवान ने सभी महिला शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मियों एवं छात्राओं का किया सम्मान*

*स्वर कोकिला लता मंगेशकर को समर्पित समारोह में सावित्री बाई व फातिमा बीबी के चित्र पर की गई पुष्पांजलि*

सीएम कॉलेज, दरभंगा के महिला प्रकोष्ठ के तत्त्वावधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में एक समारोह का आयोजन किया गया,जिसमें महाविद्यालय की सभी महिला शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मियों एवं छात्राओं को प्रधानाचार्य डा फूलो पासवान द्वारा सम्मानित किया गया। स्वर कोकिला लता मंगेशकर को समर्पित इस कार्यक्रम में सावित्री बाई फुले, लता मंगेशकर तथा फातिमा बीबी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। समारोह में डा फूलो पासवान, प्रो इंदिरा झा, प्रो मंजू राय, डा आर एन चौरसिया, डा प्रीति कनोडिया, प्रो रितिका मौर्या, डा तनिमा कुमारी, डा रीना कुमारी, डा मसरूर सोगरा, प्रो रागिनी रंजन,डा एकता श्रीवास्तव, डा रीता दुबे, डा मीनाक्षी राणा, डा प्रगति कुमारी, डा अभिलाषा कुमारी, डा मीनू कुमारी, डा नफासत कमाली, डा पुनीता कुमारी, डा चंदा कुमारी, डा राफिया काजिम, डा सुधा कुमारी, ई प्रेरणा कुमारी, निधि सिंह, क्यू ए सहला व स्नेहा अग्रवाल सहित एक सौ से अधिक छात्राओं ने भाग लिया।

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अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानाचार्य डा फुलो पासवान ने कहा कि भारतीय साहित्य में नारियों की महत्ता देवी के रूप में वर्णित है, जबकि पश्चिमी देशों में नारी को उपभोग की वस्तु माना जाता है। आज नारी अपने अधिकारों के प्रति ज्यादा जागरूक होकर सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। सावित्री बाई फुले तथा फातिमा बीबी ने बड़े कठिन दौर में भारतीय महिलाओं के लिए शिक्षा का अलख जगाकर उनका मार्गदर्शन किया। प्रधानाचार्य ने महाविद्यालय की छात्राओं के लिए शीघ्र ही ‘मिशन मर्दानी प्रशिक्षण’ कार्यक्रम प्रारंभ करने की घोषणा की।


मुख्य वक्ता के रूप में प्रो मंजू राय ने सावित्री बाई तथा फातिमा बीबी के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि इन्होंने समाज में काफी कठिनाइयों को झेलते हुए हमलोगों के लिए शिक्षा का मार्ग दिखाया। शिक्षा एवं आर्थिक सहित सभी क्षेत्रों में नारी को बराबरी का दर्जा मिलने से ही समाज पूर्णरूपेण विकसित होगा। आज औरतों की केइ झूठी तारीफ करने के बजाय उनके विकास के लिए कृत संकल्पित होने की जरूरत है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए महाविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका प्रो इंदिरा झा ने लता मंगेशकर के कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके कई गानों को गुनगुनाया। आगत अतिथियों का स्वागत एनएसएस पदाधिकारी सह फॉरेन ट्रेड की कोऑर्डिनेटर प्रो रितिका मौर्या ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन अंग्रेजी की प्राध्यापिका डा प्रीति कनोडिया ने किया।
कार्यक्रम में जूही झा ने ‘हां मैं आज की बेटी हूं..’ , साक्षी चौधरी ने ‘जानकी मात्र पात्र नहीं..’ अंबिका रश्मि ने ‘आज आकाश ही हमारी ऊंचाई..’ व अक्षरा ने ‘ये नारी तू महान है..’ कविता पाठ किया, जबकि जया कुमारी ने ‘कान्हा! आन पड़ी तेरे द्वार..’, राजनंदनी ने ‘तुमरे बिन हमरा कोनो नहीं..’, कोमल कुमारी ने ‘तेरे बिना जिंदगी में शिकवा नहीं..’ एवं आतिका रजा खान ने ‘आपकी नजरों ने समझा..’ मोहक गायन प्रस्तुत किया।