आत्मविश्वास धैर्य एवं अनवरत संघर्ष ही लक्ष्य हासिल करने का एकमात्र उपाय- डॉ अनिल कुमार मंडल, प्रधानाचार्य, सीएम कॉलेज दरभंगा ।
विजेता बनने के लिए जय अथवा क्षय मार्ग अपनाना पड़ता है -डॉ आशीष कुमार बरियार, समन्वयक, आइक्यूएसी, सी एम कॉलेज दरभंगा ।
स्वामी विवेकानंद छोटे जीवन काल में देश विदेश की यात्रा कर भारतीय संस्कृति का प्रचार- प्रसार किया-डॉ मयंक श्रीवास्तव, परीक्षा नियंत्रक, सी एम कॉलेज दरभंगा
युवा शक्ति के रूप में महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं भारत के भविष्य-अखिलेश कुमार राठौर, कार्यक्रम पदाधिकारी, सी एम कॉलेज दरभंगा
#MNN@24X7 दरभंगा। कल दिनांक 12 जनवरी को महाविद्यालय की एनएसएस इकाई एक एवं दो के संयुक्त तत्वावधान में एवं आइक्यूएसी विभाग सीएम कॉलेज दरभंगा के सहयोग से स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसकी , अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ अनिल कुमार मंडल ने किया।
कार्यक्रम में वक्ता सह विशिष्ट अतिथि के रूप में महाविद्यालय के आइक्यूएसी विभाग के समन्वयक डॉ आशीष कुमार बरियार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉक्टर मयंक श्रीवास्तव,परीक्षा नियंत्रक सी एम कॉलेज दरभंगा की उपस्थिति रही।
अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की जयंती को हम युवा महोत्सव के रूप में मनाते हैं, हमारे कृषि प्रधान देश में उद्योग कला, व्यवसाय, खेल एवं अन्य योग्यता से संबंधित छात्र छात्राएं भारत को विकसित देश बनाने में अग्रसर हैं, प्रधानाचार्य ने स्वामी विवेकानंद के शिक्षा दर्शन विषय पर व्याख्यान दिया, कागजी डिग्री ना लेकर इंसानियत की प्रतिष्ठापना करने पर बल दिया। उन्होंने लक्ष्य हासिल करने के लिए स्वामी विवेकानंद जी के जीवन आदर्श को अपनाने की बात कही और कहा कि आत्मविश्वास धैर्य एवं अनवरत संघर्ष के माध्यम से लक्ष्य हासिल किया जा सकता है, हमें रीडिंग, राइटिंग, स्पीकिंग स्केलिंग को बढ़ाने के लिए कई घंटे तक कार्य करना पड़ता है, अकूत विश्वास के साथ लक्ष्य प्राप्ति तक संघर्ष करने में स्वामी विवेकानंद एक आदर्श महामानव के रूप में विश्व जगत में विख्यात है। हर चुनौती को स्वीकार करते हुए परीक्षा में उत्तीर्ण होने की सलाह प्रधानाचार्य ने दिया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉक्टर मयंक श्रीवास्तव जी ने कहा कि छोटे से जीवन काल में स्वामी विवेकानंद अपने जुझारू प्रवृत्ति के कारण देश विशेष की यात्राएं की और भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार किया।वे कभी न थकने वाले युवा के रूप में वे हम सब के लिए प्रेरणास्रोत बने। सर्दी के मौसम में भी युवा गर्मजोशी के साथ अपने कार्य के प्रति संलग्न रहते हैं, यही प्रेरणा हमें स्वामी विवेकानंद से मिलता है।
मुख्य वक्ता के रूप में डा आशीष कुमार बरियार ने कहा कि महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं युवा शक्ति के द्योतक हैं, वह अपनी उर्जा के माध्यम से अपने-अपने विधा में अग्रणी बनते हैं, स्वामी विवेकानंद के विषय में बताते हुए उन्होंने कहा कि वे रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे और 1893 में भारतीय प्रतिनिधि के रूप में शिकागो में सर्व धर्म सम्मेलन में हिंदुत्व धर्म का प्रचार प्रसार किया। वे अपने आप में अनुशासनशील, वक़्त का पाबंद, लक्ष्य के प्रति सजग एवं विजेता बनने के लिए जाए अथवा क्षय मार्ग के अनुगामी थे।
डॉ आशीष कुमार ने बताया कि स्वामी विवेकानंद सारे धर्म को पूजनीय मानते थे इसलिए उनके जीवन में धर्म जाति भाषा एवं क्षेत्र विशेष पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं था । वह निर्बलता को दूर करने के लिए हर कारकों को काट देने की सलाह देते थे , वह चरित्र निर्माण में स्वामी विवेकानंद की तरह हरफनमौला बनने की बात कही ।
कार्यक्रम के संचालन करते हुए एनएसएस इकाई दो के कार्यक्रम पदाधिकारी एवं हिंदी विभागाध्यक्ष अखिलेश कुमार राठौर ने कहा कि यह कार्यक्रम व्यक्तित्व विकास एवं चरित्र निर्माण के सशक्त माध्यम के रूप में युवाओं को एक मंच प्रदान करता है। आज के दिन युवा शक्ति अपने संघर्ष को एक निर्धारित दिशा प्रदान करने के लिए स्वामी विवेकानंद को याद करते हैं और “संघर्षों की सीपी में सफलता की मूर्ति पलती हैं ।
इतिहास बदल जाता है, जिधर जवानी चलती हैं।।”के नारे को आत्मसात करकेअपनी जवानी को इतिहास बनाने की ओर अग्रसर होते हैं। राठौर जी ने बताया कि इस कार्यक्रम में 66 प्रतिभागियों ने सहभागिता की जिनमें से 32 छात्र-छात्राओं ने स्वामी विवेकानंद पर आधारित देश भक्ति गीत एवं विचार अभिव्यक्ति के अंतर्गत संस्मरण लघु कथा भाषण वाद-विवाद इत्यादि विधाओं में अपने विचार अभिव्यक्त किए ।
कार्यक्रम में रोशनी झा ने स्वागत गान प्रस्तुत किया, मंच में अनुशासन एवं दिशा निर्देशन के कार्य कार्यक्रम पदाधिकारी एनएसएस इकाई एक प्रोफेसर रितिका मौर्या ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन का वरीय स्वयंसेवक कुमार सौरभ ने किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डा आशीष कुमार बरियार, हिंदी विभाग के शिक्षक अभिषेक सिंह, समाजशास्त्र की शिक्षिका रजनी सिंह सहित छात्र-छात्राओं में ईशा शाह कौशिक आनंद, आदित्य कुमार, सानू प्रिया, प्रणव झा प्रोभेन्द्र झा, बबलू कुमार सानिया नूर, मुस्कान कुमारी, आयशा खातून, जूही झा, अलका कुमारी, नेहा कुमारी, खदीजा ईसाद, पूनम कुमारी, निधि कुमारी, गौरव भारद्वाज, जय प्रकाश कुमार साहू, ताबिश कासिम, अमरजीत कुमार, सत्यम कुमार, प्रभास कुमार, कुमार सौरभ, नेहा कुमारी, खुशबू कुमारी सहित 66 छात्र छात्राओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई ।
कार्यक्रम में सहभागिता करने वाले 32 प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को 26 जनवरी2023 के दिनगणतंत्र परेड में प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।