दरभंगा। दिनांक 07 अप्रैल 2022 को विभागाध्यक्ष डॉ उदय नारायण तिवारी, प्राचीन भारतीय इतिहास पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा की अध्यक्षता में स्नातकोत्तर सत्र 2021-23 के विद्यार्थियों के वर्गारंभ के अवसर पर “प्रेरणात्मक कार्यक्रम” आयोजित किया गया|

इस अवसर पर नव आगंतुक छात्र छात्राओं का स्वागत करते हुए उनके नियमित रूप से वर्गों में उपस्थित रहने तथा अनुशासित जीवन व्यतीत करने की अपेक्षा की गई| उत्प्रेरण सत्र के इस कार्यक्रम में विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ अयोध्या नाथ झा ने विभाग की मर्यादा और इसके इतिहास पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में शामिल पाठ्यक्रमों का ज्ञान कराया| छात्रों ने नियमित रूप से वर्ग में आने की इच्छा जताते हुए आश्वस्त किया कि वे दृढ़ता पूर्वक नियमित होकर अपने अध्ययन के क्रम को आगे बढ़ाएंगे| नवीन सत्र के लगभग 9 छात्र-छात्रा शामिल हुए, जिन्होंने बारी-बारी से अपना परिचय दिया तथा अपने पूर्व अध्ययन के कार्यक्रमों को साझा किया। इस अवसर पर अतिथि शिक्षिका डॉ प्रतिभा किरण ने छात्रों से नियमित वर्ग में आने की अपील की तथा उन्हें आश्वस्त किया कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा विभाग द्वारा दी जाएगी| छात्रों की ओर से चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र प्रभाकर चौधरी ने विभाग में संचालित गतिविधियों से संबंधित अपने अनुभव को साझा करते हुए आगंतुकों को उत्साहित किया। वहीं पुरातत्व विषय के विभागीय शोधार्थी मुरारी कुमार झा ने कहा कि बिना लक्ष्य तय किए कुछ प्राप्त नहीं किया जा सकता साथ ही उन्होंने अपना कार्य अनुभव साझा किया तथा मिथिला परिक्षेत्र में फैले विहंगम दृष्टिगोचर पुरातात्विक संपदा से नए छात्र-छात्राओं को अवगत कराते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ यू एन तिवारी ने छात्रों से नियमित वर्ग में उपस्थित रहने का निर्देश देते हुए उन्हें नैतिक आदर्शों के प्रति रुझान पैदा कराने का कोशिश किया। इस अवसर पर रामायण, महाभारत तथा अपनी संस्कृति के महत्वपूर्ण पक्ष को उजागर करते हुए उनसे राष्ट्र के विकास में सक्रिय होने की अपेक्षा की गई| प्रथम सेमेस्टर की छात्रा सुश्री रश्मि कुमारी ने अपने गुरुजनों का स्मरण करते हुए आगे बेहतर करने का सपथ लेते हुए सबों को धन्यवाद ज्ञापित किया|