छात्र यदि अपने कार्यों को पूरे मनोयोग, कठिन परिश्रम से पूर्ण व्यवस्थित रूप में करें तो सार्थक परिणाम मिलना सुनिश्चित- प्रति कुलपति।

चयन प्रतियोगिता के उद्घाटन सत्र में प्रो डोली सिन्हा, डा घनश्याम, डा चौरसिया, डा आनंद प्रकाश व डा विनोद आदि ने रखे विचार।

बेहतर परेड, निर्धारित ऊंचाई, समय सीमा के अंदर दौड़ व साक्षात्कार के आधार पर 14 स्वयंसेवक चयनित।

एनएसएस में रहकर छात्र- छात्राएं न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से भी तंदुरुस्त होते हैं। उनके ह्रदय में सेवाभावना जागृत होती है तथा उनका जीवन भी अनुशासित हो जाता है। सेवाभावना सर्वोपरि होता है। यदि सभी युवाओं में सेवाभावना जागृत हो जाय तो राष्ट्र अवश्य विकसित होगा। उक्त बातें विश्वविद्यालय की प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के राष्ट्रीय सेवा योजना कोषांग के तत्त्वावधान में पूर्व गणतंत्र दिवस परेड शिविर- 2022 हेतु स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में आयोजित प्रतियोगिता के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में कही।

प्रति कुलपति ने कहा कि छात्रों को अपनी ऊर्जा एवं क्षमता को व्यवस्थित कर कार्य करने की जरूरत है। निरंतर अभ्यास उन्हें परिपक्व बनाता है। ऐसी चयन प्रतियोगिता छात्रों के लिए विशेष है और इसका उद्देश्य बहुत अच्छा है। प्रोफेसर सिन्हा ने प्रतिभागियों को बधाई एवं शुभकामना देते हुए कहा कि प्रतियोगिता में चयनित स्वयंसेवकों को पूरे भारत के राज्यों से आने वाले युवाओं से मिलने, उनकी भाषा, वेशभूषा तथा संस्कृति को भी जानने का अवसर प्राप्त होगा।

स्नातकोत्तर संस्कृत विभागाध्यक्ष डा घनश्याम महतो ने कहा कि एनएसएस भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के द्वारा प्रायोजित महाविद्यालयों में संचालित योजना है। इसमें गणतंत्र दिवस परेड हेतु चयन की अनेक स्तरीय प्रतियोगिताओं के द्वारा छात्र सफल होते हैं। एनएसएस में उन्हें समाजसेवा तथा देश की उन्नति हेतु काम करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। राष्ट्र निर्माण में युवाओं की अहम भूमिका होती है।

एनएसएस के पूर्व विश्वविद्यालय समन्वयक डा आर एन चौरसिया ने कहा कि एनएसएस स्वयंसेवकों के लिए गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेना काफी महत्वपूर्ण एवं एक सपना सदृश्य होता है। इसमें अच्छे परेड एवं सांस्कृतिक गतिविधि युक्त स्वयंसेवक चयनित होकर हर वर्ष 01 जनवरी से 31 जनवरी के बीच दिल्ली में रहते हुए अपनी सृजनात्मक एवं कलात्मक क्षमता का प्रदर्शन करते हैं। इस दौरान उन्हें 26 जनवरी को कर्तव्यपथ पर सेना के जवानों की तरह परेड में भाग लेने, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों से मिलने, बात करने आदि का सुअवसर मिलता है, जिससे उनके व्यक्तित्व में आश्चर्यजनक परिवर्तन आता है।

चयन प्रतियोगिता में 8 बिहार बटालियन एनसीसी, दरभंगा से धर्मेन्द्र सिंह तथा लाल बहादुर थापा ने स्वयंसेवकों के चयन में महती भूमिका का निर्वहन किया। इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों से डॉ लक्ष्मण यादव, डॉ रवीन्द्र मुरारी, डॉ दीपक त्रिपाठी, डॉ दिलीप कुमार झा तथा डॉ गंगासागर दीनबंधु सहित 90 से अधिक स्वयंसेवक उपस्थित थे।
चयन प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो अजयनाथ झा के साथ ही वरीय स्वयंसेवक मुकेश कुमार झा ने महत्वपूर्ण सहयोग किया।

एनएसएस के विश्वविद्यालय समन्वयक डा विनोद बैठा ने बताया कि चयन प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल के सदस्यों द्वारा 7 स्वयंसेवक एवं 7 स्वयंसेविकाओं का चयन किया गया, जिनकी सूची राज्य स्तरीय चयन हेतु एनएसएस क्षेत्रीय केन्द्र, पटना भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि प्री आर डी कैंप का आयोजन भोपाल शहर में भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए एनएसएस के समन्वयक डा आनंद प्रकाश गुप्ता ने चयन की पूरी प्रक्रिया तथा नियमावली की जानकारी देते हुए अतिथियों का स्वागत किया तथा बताया कि इस प्रतियोगिता में चयन हेतु छात्रों को विशेष शिविर में भाग लेना, स्वयंसेवक के रूप में 1 वर्ष का अनुभव, 10 मिनट में 1 किलोमीटर दौड़ने तथा 20 मिनट तक परेड करने के साथ ही अविवाहित होना आवश्यक है। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस कोऑर्डिनेटर डा विनोद बैठा ने किया।