बिहार में कृषि आधारित उद्योग से मिटेगा बेरोजगारी- मा0 कृषि मंत्री।

बिहार में खेती के लिए चार क्लाइमेट जोन बनाने की आवश्यकता- कृषि मंत्री।

ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जो किसान के परंपरागत किसानी को चुनौती दे- कृषि मंत्री।

#MNN@24X7 दरभंगा 15 सितंबर :  कृषि विभाग, उद्यान निदेशालय,बिहार सरकार  के तत्वाधान में बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत “मिथिला मखाना” अनुसंधान प्रसंस्करण हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सदर प्रखंड के दलान रिसोर्ट में किया गया.

दो सत्रों में आयोजित इस कार्यशाला का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार सरकार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने किया।
    
उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मखाना की खेती और उद्योग में वैल्यू एडिशन और सप्लाई चैन का काफी महत्व है .जीआई टैग मिलने के बाद मखाना व्यवसाय व किसान को इसका लाभ अब विश्व के बाजार में अधिक से अधिक मिले .इसके लिए दरभंगा एयरपोर्ट पर जल्द ही कस्टम कलीयरेन्स की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने किसान और उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दुनिया में कृषि को लेकर के कई नूतन प्रयोग हुए उसके कई परिणाम भी सामने आए लेकिन  बिहार में अन्य कोई मॉडल लागू नहीं हो सकता ,यहाँ कृषि को लेकर अपना एक अलग मॉडल विकसित करना होगा. उन्होंने परंपरागत खेती पर बल देते हुए उसे आधुनिक बनाने की बात कही जिसमें किसानों के सुझाव महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने कहा हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जो किसान के परंपरागत किसानी को चुनौती देता हो।
       
उन्होंने बिहार की खेती को भौगोलिक दृष्टि से चार क्लाइमेट जोन में बांटने पर बल देते हुए कहा की  गंडक, कोसी, सोन और भागलपुर क्षेत्र के लिए अलग-अलग योजना बनाने की आवश्यकता है ,जिससे किसान समृद्ध हो सकें। उन्होंने बिहार में रोजगार और उद्योग के लिए कृषि आधारित उद्योग को सफल बताते हुए इसे अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि इसके इतर कोई भी उद्योग बिहार में सफल नहीं है। उन्होंने एथेनॉल उद्योग नीति को चिंतनीय बताया  और कहा कि यह किसानों को हानि होगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय मे पंजाब, हरियाणा से बेहतर कृषि अर्थव्यवस्था बिहार की होगी।
    
इस मौके पर अतिथि के रूप में उप विकास आयुक्त अमृषा बैंस,  निदेशक उद्यान सह मिशन निदेशक नन्द किशोर, राधा रमण, संयुक्त निदेशक उद्यान ,उद्यान निदेशालय ,बिहार, अभांशु जैन, निदेशक बामेती, पटना, आनंद प्रकाश ,सहायक महाप्रबंधक, एपीडा (वाराणसी उत्तर प्रदेश उत्तरांचल एवं बिहार),  डॉ इंदु शेखर सिंह वैज्ञानिक मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा ने भी अपने-अपने विचार रखे। .
     
दूसरे सत्र में विशेषज्ञों के रूप में डॉ इंदु शेखर, पूजा शर्मा, दीक्षा आदि ने दरभंगा, मधुबनी ,पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा व अररिया से आए किसानों और उद्यमियों को पावर प्वाइंट के माध्यम से मखाना की खेती और उद्योग और इसके लाभ को बारीकी से समझाया।
    
इस मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी संजय सिंह सहित डीआईसी जीएम, एलडीएम,डीपीएम ,डीडीएम नवार्ड सहित कई विभाग के प्रतिनिधि मौजूद थे।
   
इस मौके पर मखाना को लेकर मखाना बिस्किट, लड्डू और खीर का स्टॉल भी किसानों द्वारा लगाया गया था।
    
कार्यक्रम का संचालक माला झा ने किया जब कि आगत अतिथियों का स्वागत चन्द्र शेखर सिंह संयुक्त निदेशक,शस्य दरभंगा प्रमंडल और डॉ आभा कुमारी निदेशक उद्यान,दरभंगा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।