बीमारियों से दूर रहने के लिए साबुन से हाथ धोने पर दिया जाएगा बल

#MNN@24X7 समस्तीपुर, 14 अक्टूबर। हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे मनाया जाता है. कोविड संक्रमण के दौरान मास्क के इस्तेमाल के साथ हाथों की नियमित साफ सफाई रखने पर भी लोगों में जागरूकता बढ़ी है. साबनु पानी से हाथों को धोना या इनकी उपलब्धता नहीं होने पर सैनिटाइजर के इस्तेमाल के प्रति लोग सचेत नजर आ रहे हैं. हाथों की साफ-सफाई रखने को लेकर स्वास्थ्य विभाग व अन्य सहयोगी संस्थाओं के द्वारा अभियान चलाया जाता है.

वहीं ग्रामीण पोषण एवं स्वच्छता दिवस पर भी लोगों को हाथ धुलाई से संबंधित जानकारी दी जाती है. सिविल सर्जन डॉ एस.के चौधरी ने बताया सभी तरह की बीमारियों को कम करने में हैंड हाइजीन का बहुत अधिक योगदान है. हाथों की स्वच्छता प्रत्येक व्यक्ति की प्राथमिकता होनी चाहिए.

साबुन से हाथ धोने से कई तरह की बीमारियों की रोकथाम हो सकती है-

भीबीडीसीओ डॉ विजय कुमार ने बताया कि साबुन से हाथ धोने से कई तरह की बीमारियों की रोकथाम हो सकती है. जैसे, हैंड वाशिंग से डायरिया की 30 से 48 प्रतिशत तक रोकथाम की जा सकती है. हैं डवाशिंग से तीव्र श्वसन संक्रमण को 20 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है. हाथों की नियमित सफाई हैजा, इबोला, शिगेल्लोसिस, सार्स और हेपेटाइटिस-ई जैसे रोगों के संचरण की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. साथ ही कई प्रकार की बीमारियों को जन्म देने वाले रोगाणुओं से सुरक्षित रखता है. भौगौलिक रूप से विशेषकर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में होने वाले रोगों की रोकथाम के लिए हाथों की स्वच्छता जरूरी है.

हाथ धोने पर जागरूकता के लिए हैंड वॉशिंग डे:

केयर इंडिया के डीटीओ ऑन अभिकल्प मिश्रा ने बताया गंदे हाथों की वजह से होने वाली बीमारियों के संचरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंड वाशिंग डे यानि वैश्विक हाथ धोने का दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन को बीमारियों को रोकने और जीवन को बचाने के लिए साबुन जैसे सस्ते व प्रभावी तरीका की मदद से हाथ धोने के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इस दिन की महत्ता को समझने के लिए मनाया जाता है.

हाथों की स्वछता को बढ़ावा देना और इससे जुड़ी सुविधाओं की उपलब्धता व इसके विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है. इसके पहले श्रेणी में हाथों की स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए हैंडवाशिंग सुविधाओं, नियमित जल आपूर्ति, साबुन या अल्कोहल आधारित हैंड्रब तक पहुंच में सुधार लाना, दूसरी श्रेणी में हाथ की स्वच्छता पर व्यवहार परिवर्तन व हस्तक्षेपों पर काम करना और अंत में हाथ की स्वच्छता सेवाओं और व्यवहार परिवर्तन के लिए काम वाली नीति, समन्वय, अधिनियम और वित्तपोषण जैसे घटकों को मजबूत करना है. हैंड वॉशिंग एक सरल, सस्ती और प्रभावी विधि है . अगर हम स्वछता रख हैंडवाशिंग पर ध्यान दें तो कई बीमारियों से बचा जा सकता है.